सैनिक की शहादत से पहले की कविता .... दिल भर आया
( वायरल )
खबर है जम्मू कश्मीर के अनंतनाग की जहाँ शुक्रवार को आतंकी हमले में छह पुलिस के जवान शहीद हो गए। एसएचओ और सब इंस्पेक्टर फ़िरोज़ अहमद डार भी शहीद हुए हैं। शनिवार को इन सभी जवानों को पूरे सम्मान के साथ श्रद्धांजलि दी गई है।
लश्कर-ए-तैयबा के पांच आतंकवादियों ने शुक्रवार को अनंतनाग में पुलिस टीम पर हमला कर दिया था। इस हमले में एसएचओ फ़िरोज़ अहमद डार समेत 6 पुलिसकर्मी शहीद हुए।जवानों की हत्या के बाद आतंकियों ने शवो पर गोलियां भी बरसाई थी। आतंकवादियों ने उनके साथ बर्बरता का प्रयास भी किया था। डार के परिवार और मित्र जब उनकी अंतिम यात्रा की तैयारी कर रहे थे, तो अनायास ही डार द्वारा 18 जनवरी 2013 को लिखे गए शब्द सभी को बेहद याद आ रहे थे।
उन्होंने अपने फेसबुक वाल पर लिखा था-
क्या आपने कभी थोड़ी देर रूककर अपने आप से पूछा....
'कल्पना करो... अपनी कब्र में खुद को। उस अंधेरे में..अकेले?
सोचो उस क्षण के बारे में जब आपके शव को नहलाया जाएगा और कब्र में ले जाने के लिए तैयार किया जाएगा..
सोचो उस दिन के बारे में जब लोग तुम्हारे लिए तुम्हारी कब्र पर रोएंगे..
और तुम्हारा परिवार रो रहा होगा... सोचो उस वक़्त के बारे में जब तुम्हे कब्र में डाला जाएगा।
ज़रा सोचो ... अपने आपको कब्र में
अकेले
इसके भी अंधेरे तुम मदद के लिए रोना
लेकिन...
ये बहुत छोटी जगह है और आपकी हड्डियों को कुचल जाती है।
आप पांच वक्त की नमाज़ , संगीत सुनने का पछतावा करते हैं। आप पछतावा करते है हिजाब ना पहनने का
आप अल्लहा के फरमान की तामील नही करते है
लेकिन इससे भाग नही सकते....
आप अपने कर्मों के साथ अकेले होते है
वहा कोई पैसे, कोई ज्वैलरी नही होगी, सिर्फ आपके कर्म होंगे
अल्लाह हम सब की रक्षा करेंगे और हमें कब्र की सजा से बचाएंगे। आमीन
इस घटना से सभी लोग बहुत आहत थे और डार के गांव के लोगो की आंखे नम थी। ग्रामीण डार को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए उनके घर के बाहर एकत्रित हुए थे।
डार की दो पुत्रियां है। छह वर्षीय अदाह और दो वर्षीय सिमरन। वे दोनों नहीं समझ पा रही थी की अचानक उनके घर के बहार इतनी भीड़ क्यों है आखिर इतने लोग बाहर क्यों जमा हुए है।
डार की पत्नी मुवीना अख्तर और उनके बुज़ुर्ग माता पिता चिल्ला रहे थे। अपनी छाती पीट रहे थे, उन्हें होश ही नही था अपने बेटे के जाने के दुःख में बदहोश थे। इस दृश्य को देखकर वहा मौजूद सभी लोगों की आंखों में आंसू आ गए थे।
कुमारी अलका
Comments
Post a Comment