देश की बड़ी अदालत ने बता दिया कि प्यार क्या होता है।

( अपनी खिचड़ी )




लव क्या है? तो सुनिए लव को कभी कभी ऐसे परिभाषित करना पड़ता है। LOVE IS THE 7TH SENSE THAT DESTROYS ALL THE 6 SENSES AND MAKES THE PERSON NON-SENSE. जी हाँ, यह घटना सुनकर ये लाइन ख़ूब मस्त लगती है। यहाँ तक की सुप्रीम कोर्ट ने एक टिप्पणी में कहा है कि असफल प्रेम कहानियों का बेहद जीवंत वर्णन मिला है।कोर्ट ने कहा है कि भारत में माता- पिता के फैसले को स्वीकार करने के लिए बेटियां अपने प्यार को कुर्बान कर देती है और भारत में यह आम बात है।
सूत्रों की माने तो सुप्रीम कोर्ट ने एक वक्ति की उम्रकैद की सजा को ख़ारिज करते हुए अपने फैसले में यह टिप्पणी की। गौरतलब है कि व्यक्ति ने एक महिला से गुपचुप शादी की और इसके तुरंत बाद दोनों ने खुदखुशी कर ली, जिसमे 23 वर्षीय पीड़िता की जान चली गई , जबकि व्यक्ति बच गया।
बहरहाल वर्ष 1995 की इस घटना में पुलिस ने व्यक्ति के खिलाफ पीड़िता की हत्या का मामला दर्ज़ किया। शीर्ष अदालत ने यह उल्लेख किया है कि हो सकता है महिला अनिच्छा से अपने माता -पिता की इच्छा को मानने के लिए राजी हो गई हो, लेकिन घटनास्थल पर फूलमाला, चूड़िया और सिंदूर देखे गए थे। इस दृश्य को देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि बात में उसका मन बदल गया। कोर्ट ने यह भी कहा कि हो सकता है महिला ने अपने प्रेमी से यह भी कहा हो की उसका परिवार राजी नहीं है और शादी के खिलाफ है इसलिए वह उससे शादी नहीं करेंगी।
जस्टिस एके सीकरी और जस्टिस अशोक भूषण की एक पीठ ने कहा है कि इस देश में यह आम बात है कि बेटियां अपने माता- पिता की इच्छा को स्वीकार करने के लिए अपने प्यार का बलिदान कर देती हैं। भले ही ऐसा वह अनिच्छा से करती हो। कोर्ट ने कहा कि पीड़िता और आरोपी एक दूसरे से प्यार करते थे और लड़की के पिता ने अदालत के समक्ष यह गवाही दी थी कि जाति अलग होने की वजह से उनके परिवार ने इस शादी के लिए हामी नहीं भरी थी।

हालांकि व्यक्ति को कथित तौर पर उसकी प्रेमिका की हत्या करने का दोषी ठहराते हुए निचली अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी और  इस फैसले की राजस्थान हाई कोर्ट ने भी पुष्टि की थी। सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी कि की परिकल्पना के आधार पर अपराधिक मामलों के फैसले नहीं किए जा सकते और उसने व्यक्ति को बरी करते हुए कहा कि पर्याप्त संदेह के बावजूद अभियोजन पक्ष उसका दोष सिद्ध करने में सक्षम नहीं रहा है।

कुमारी अलका

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