जब पुलिस ने गाड़ी सहित आदमी को क्रेन से उठा लिया ।

( बकैती )



मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान की सुरक्षा को चकमा देकर एक एनआरआई कार लेकर वीआईपी रोड पर गुजर रही कारकेट में घुस गया। पुलिसकर्मियों ने बड़ी मुश्किल से उसकी कार साइड में लगाकर रुकवाई। पुलिस ने चारो तरफ से उस कार को घेर लिया। इस कारण आरोपी चालक ने खुद को कार के अंदर बंद कर लिया। उसने करीब अपने आपको 15 मिनट तक कार में बंद रखा। 
पुलिसकर्मी लॉक खुलवाने का प्रयास करते रहें, लेकिन जब लॉक नहीं खुला तो पुलिस ने ट्रैफिक पुलिस की मदद से कार डेढ़ किमी क्रेन से खिंचवाकर थाने में रखवा दी।उसके बाद भी उस कार चालक ने लॉक नहीं खोला। तंग आकर पुलिसकर्मियों ने गेट का कांच तोड़कर युवक को गिरफ्तार कर लिया। जब पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया तो युवक का कहना था कि उसने जानबूझकर ऐसा नहीं किया।
आरोपी ने कहा कि मैं तो कार में गाने सुन रहा था। हालांकि वह बीच - बीच में वह टेबल को जोर- जोर से लात मारने लगा था।


टीआई  अनिल बाजपेयी ने उसे समझाते हुए ठीक से बैठने को कहा। टीआई बाजपेयी की माने तो उन्होंने बताया की मंगलवार सुबह करीब साढ़े 9 बजे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कारकेट स्टेट हैंगर के लिए निकला था। कारकेट के वीआईपी रोड होते हुए करबाल पहुचने पर एक कार कारकेट के सामने आ गई। पायलेट वाहन के हॉर्न बजाने पर भी कार चालक अपनी मस्ती में चला रहा था।
हालांकि ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों ने किसी तरह कार को साइड किया। कारकेट निकलने के तुरंत बाद वीआईपी रोड पर तैनात पुलिसकर्मी वहाँ पंहुच गए। फिर क्या था , पुलिसकर्मियों ने उस युवक को कार से उतरने को कहा लेकिन उसने कार लॉक होने का हवाला देते हुए हाथ खड़े कर दिए।पुलिस के तमाम प्रयत्नों के वाबजूद भी लॉक न खुलने पर पुलिसकर्मियों ने कार को क्रेन से खिंचवाकर कोहेफिजा पुलिस थाने ले आए।
थाने में भी लॉक न खोलने पर पुलिसकर्मी ने मजबूरन गेट के कांच को तोड़कर उस आरोपी को बाहर निकाला।
गौरतलब है कि पुलिस के पूछताछ के दौरान आरोपी की पहचान प्रोफेसर कॉलोनी निवासी  अम्रतास तिवारी जो की 27 वर्षीय, पिता श्रीराम तिवारी के रूप में हुई है। हम बता दें श्रीराम तिवारी स्वराज एक्सप्रेस में सीएमडी के पद पर हैं। उन्हें जैसे ही पुलिस की सुचना मिली श्रीराम तिवारी फ़ौरन थाने पहुँचे। आरोपी के पिता ने बताया कि वह इंजीनियरिंग की पढाई के बाद अम्रतास अमेरिका चला गया था। वहा एमबीए की पढाई के बाद वहीं नौकरी करने लगा था। हालांकि अब वह नौकरी छोड़कर भोपाल आ गया है। अब वह यहाँ नौकरी की तलाश में है।
आरोपी ने कहा की मुझे गाने सुनने के कारण आवाज नहीं सुनाई दी। उसने कहा मुझे नहीं पता था कि मुख्यमंत्री का काफिला निकल रहा है। उसने कहा मुझे साइरन की आवाज सुनाई दी तो मैंने खुद कार साइड कर लिया।
लॉक न खुलने पर पुलिस ने जब पूछा तो उसने कहा चाबी से नहीं खुल रहा था। हालांकि सुरक्षा में चूक सीएम की सुरक्षा में यह बड़ी चूक है। मुख्यमंत्री की सुरक्षा को देखते हुए उनके कारकेट के गुजरने वाले रास्ते पर जाने वाले वाहनों को पहले ही रोक दिया जाता है। साथ ही उनके मार्ग को जोड़ने वाले कट पॉइंट को भी बंद कर दिया जाता है। ऐसे में किसी कार चालक के कारकेट के सामने आना एक बड़ी चूक है।


कुमारी अलका

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