बिजली की लाइने लगाईं गई तो माँ के गर्भ भ्रूण नष्ट हो जाएंगी।

(दूर दराज


खबर है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा था कि वह गोरखा जनमुक्ति मोर्चा की धमकियों से नहीं डरेंगी, और साथ ही साथ उन्होंने कहा था की जीजेएम हिंसा उकसाने के बाद फरार हो जाएगा। ममता ने कहा " मैं धमकियों के आगे नहीं झुकने वाली हूं। उन्होंने कहा अगर मुझे धमकाया जाता है, तो मुझे अच्छे से पता है कैसे इन सब से काम निपटाया जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि क्या आपसबों ने नहीं देखा कि किस तरह उन्होंने (जीजेएम ने) मुझे दार्जिलिंग में डराने की कोशिश की थी, और उन लोगो ने तो साफ़ कहा था कि वे मुझे पहाड़ी क्षेत्र में पहुँचने नहीं देंगे। हालांकि  मैं वहाँ गई, वहाँ बैठके की  और शांति भी बनाई।

आपको बता दें बंगाल का राजनितिक हिंसा का  इतिहास रहा है। राज्य सरकार द्वारा पॉवर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ़ इंडिया लिमिटेड के लिए यहाँ 16 एकड़ खेती की ज़मीन के ज़बरन अधिग्रहण  को लेकर इस वर्ष के शुरूआती  दौर में हिंसा हो चुकी है। यह हिंसा मारवी, भंगा, टोना, खामरैत इन सभी गांवों में आग की तरह फैल चुकी थी। अति वामपंथी संगठनो ने इस आंदोलन का नेतृत्व किया था जिसकी वजह से दो ग्रामीणों की जान चली गई थी। वहाँ के स्थानीय लोगों ने दावा किया है कि उन दोनों की पुलिस गोलीवारी  में मौत हुई, लेकिन सरकार ने इससे साफतौर पर इनकार कर दिया है।
बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा " आपलोग बाहरी लोगों की बातों में आकर हिंसा में शामिल ना हो। गाँव में कुछ ऐसे लोग है जो अफवाह फैला रहे हैं की यदि बिजली की लाइने लगाईं गई तो माँ के गर्भ भ्रूण नष्ट हो जाएंगी। उन्होंने यह भी कहा कि मैं नहीं जानती कि आखिर इस तरह की सोच किसके मन में उभरें है। ममता ने कहा की यदि वहाँ बिजली नहीं हुई तो सिंचाई की व्यवस्था कैसे की जायेगी? आखिर अनाज उत्पादन कैसे होगा? बच्चे कैसे शिक्षित हो पाएंगे? ये सब आपके दिमाग में होना चाहिए। ममता दीदी ने ग्रामीणों को अपनी शिकायतों के साथ आगे आने के  लिए प्रोत्साहित किया।
बता दें ममता बनर्जी भारतीय राज्य पश्चिम बंगाल की वर्तमान मुख्यमंत्री एवं राजनैतिक दल तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख है। उनको लोग प्यार से दीदी कहकर संबोधित करतें हैं।


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