मोदी नीदरलैंड में क्या कर रहें हैं ?
( विदेशी बक बक )
नेन्द्र मोदी, जो कि अपनी यात्राओं के लिए बखूबी जाने जाते हैं। वे अपनी तीन देशों की यात्रा के आखिरी चरण में नीदरलैंड पहुंचे थे। प्रधानमंत्री मोदी और डच प्रधानमन्त्री मार्क रुट की मुलाक़ात, नीदरलैंड की की राजधानी द हेग में हुई थी।
इस मुलाक़ात के दौरान दोनो ही एक दूसरे के देशों की प्रशंसा करते नज़र आए। एक तरफ जहां रुट ने भारत को एक मजबूत आर्थिक शक्ति के रूप में उभरता हुआ देश बताया और साथ ही भारत द्वारा जलवायु परिवर्तन, सौर उर्जा को बढ़ावा देने और आतंकवाद के खिलाफ किए जा रहे प्रयासों की भी सराहना की तो वहीं नरेन्द्र मोदी ने भी नीदरलैंड की प्रशंसा करने में कोई कमी नहीं रखी। उन्होंने कहा कि नीदरलैंड की ही मदद से पिछले साल भारत ने मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रिजाइम की सदस्यता हासिल की थी। साथ ही मोदी ने यह भी कहा कि नीदरलैंड भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का तीसरा प्रमुख देश है। यहाँ तक की नीदरलैंड को भारत के विकास और आवश्यकताओं का एक कुदरती साझेदार भी कहा।
अब यह बात जानकर आपको ख़ुशी भी होगी और हैरानी भी कि इस साल भारत और नीदरलैंड अपने कुटनीतिक सम्बन्धों की 70वीं वर्षगाँठ मना रहे हैं। इन दोनों देशों के बीच राजनीतिक और कारोबारी सम्बन्ध तो थे ही लेकिन इस साल दोनो देश द्वपक्षीय सम्बन्धों पर अधिक ध्यान देंगे और साथ ही वैश्र्विक परिवेश में भी बातें करेंगे।
इसके परिणामस्वरूप भारत और नीदरलैंड के बीच 3 अहम समझौतों पर हस्ताक्षर हुए-
1)पानी प्रबंध एवं पानी सुरक्षा,
2)भारतीय-डच कम्पनियों की सामाजिक सुरक्षा और
3)सांस्कृतिक सहयोग को बढ़ावा देना।
यह भी इत्तेफाक की ही बात है कि आज से ठीक दो साल पहले, जून 2015 में, नीदरलैंड के प्रधानमन्त्री ने भारत का दौरा किया था और अब भारत के प्रधानमन्त्री नीदरलैंड में हैं। नरेन्द्र मोदी ने यहाँ दोनो देशों के बीच के सम्बन्धों को और भी मजबूत बनाने की बात कही और अब जब नरेन्द्र मोदी ने ऐसा कह दिया है तो इसमें कोई संदेह नहीं कि वो ऐसा जरुर करेंगे ताकि भारत और भी तरक्की कर सके।।
--प्रियंका सिंह
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