दहेज़ मतलब दहेज़
(दूर दराज )
शादी जीवन का वह मोड़ होता है जो इंसान की जिंदगी को पूरी तरह बदल के रख देता है। कहते हैं शादी एक लड़की के लिए उसका दूसरा जन्म होता है।किस्मत वालों को यह पल नसीब होता है। शादी एक लड़की के लिए माला में पिरोये सपने की तरह है। नई दुनिया में जाना, नए लोगों से मिलना, नए रिश्तों से जुड़ना, प्यार का हर एक नया रंग मिलना ।पर ये सपना कितनी लड़कियों का सच होता है?
आज इस कलयुग में शादी एक व्यापार बन चुका है।आज के माँ-बाप अपने बेटे को अच्छी शिक्षा देते हैं ताकि वो अच्छी नौकरी पाए और दहेज में मोटी रकम ऐंठ पाए। लड़की के माता-पिता के पास उनकी मांगों को पूरा करने के अलावा और कोई चारा भी नहीं होता।ऐसा ही एक नजारा बिहार के गया जिले के वजीरगंज थाना क्षेत्र में देखने को मिला है।केवल चंद रुपयों के लिए वरमाला के बाद बिना विवाह की रस्म अदायगी दूल्हा फरार हो गया।पुलिस के अनुसार मिरगपुर गाँव निवासी भोला यादव की पुत्री का विवाह बुनियादगंज के जहाना गाँव निवासी बिरेंद्र कुमार के पुत्र रंजीत कुमार से तय हुई थी। तय कार्यक्रम के अनुसार बारात शुक्रवार की शाम भोला यादव के दरवाजे पर आ गई और शादी की रस्में भी शुरू हो गई।वरमाला की रस्म अदायगी के बाद बारात फिर जनमासे में लौट आई। इसके बाद जो हुआ वो सुनकर शायद आपके होश ना उड़े क्योंकि इस कलयुग में ये तो आम बात है।दूल्हे के पिता द्वारा वधू पक्ष से दहेज की रकम मांगें जाने की बात सुन दूल्हा रंजीत जनमासे से फरार हो गया।दोनों पक्ष के लोंगो ने दूल्हे की काफी खोजबीन की परन्तु उसका कोई सुराग नहीं लगा। वहीं कन्या के पिता का कहना है के दहेज के रूप में पूर्व में ही मोटी रकम पहुँचा चुका हूँ, लेकिन वर पक्ष के लोग मानने को तैयार नहीं। फिर क्या था आक्रोशित परिजनों और ग्रामीणों ने दूल्हे के पिता सहित नजदीक रिश्तेदारों को बंधक बना लिया और घटना की सुचना पुलिस को दे दी।कानून तो अपना काम करेगी पर सवाल ये उठता है के आए दिन हमारे ही राज्य में ऐसी घटनाएं क्यों घटती हैं?
नीतीश कुमार हमारे राज्य के मुख्यमंत्री ने बड़े-बड़े वादें तो कर दिये पर असलियत आपके सामने है।नीतीश कुमार ने कहा था कि शराबबंदी के बाद अब उनका अगला कदम दहेज बंदी है। पर नतीजा आपके सामने है। ना तो पूरी तरह हमारे राज्य में शराबबंदी लागू हुई और दहेजबंदी के तो क्या कहना।
दहेज हमारे समाज का वो दीमक है जो धीरे -धीरे पूरे समाज को खोखला करते जा रहा है।आज दहेज की वजह से कितनी ही लड़कियों को जन्म से पहले ही मार दिया जाता है। आखिर सरकार की नींद कब खुलेगी? नीतीश जी के वादें कब सच होंगे ये तो वो खुद ही जाने। दहेज नाम का ये दीमक अभी ना जाने कितनों की जिंदगी बरबाद करेगा और कितनों की जान लेगा।
रश्मि रानी
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