केंद्रीय मंत्री जी मुँह पर मारे गए अंडे का ऑमलेट बनाने की सोच रहें हैं।
( बकैती)
आओ सुनाए अंडे का फंडा .. ये नहीं कोई मामूली अंडा.. जी हां,ये अंंडा कोई मामूली अंडा नहीं है क्योंकि इस अंडे का नेताजी ऑमलेट बनाकर खा लेंगे।
ज़्यादा दिमाग को खपाने की जरूरत नहीं है।क्यूंकि ,हम बता रहें हैं इस अंडे की पूरी कहानी।
मामला है,मंदसौर में छह किसानों के मारे जाने के विरोध पर।छह किसानों के मारे जाने के बाद मध्य प्रदेश में जमकर आंदोलन हो रहा है।मामले पर बात या निरीक्षण करने वहां जो भी नेता जा रहें हैं.. उन्हें खासी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
जैसे,यूनियन ट्राइबल अफेयर्स मिनिस्टर जुआल ओरम जब केंद्रपाड़ा जिले के दौरे पर गए तो कांग्रेस वर्कर्स ने उन्हें काले झंडे दिखाए।वहीं,बीजू जनता दल के सपोर्टर्स ने उनकी कार पर अंडे फेंके।ये लोग महानंदी मामले को लेकर केंद्र सरकार से नाराज़ हैं।
इन सब के बावजूद ओडिसा के दौरे पर निकल पड़े केंद्रीय(मोदी के)मंत्री बाबुल सुप्रियो। और वहां जब कुछ पॉलिटिकल लीडर्स ने उनका विरोध किया तो उन्होंने ऐसा करारा जवाब दिया कि सबके होश उड़ गए।उन्होंने कहा कांग्रेस और बीजेडी मात्र ओडिसा को लूटने का काम कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि पश्चिम बंगाल की राजनीति और खराब है तो उन्हें यह कोई डरा नहीं सकता। साथ ही मीडिया के द्वारा विरोध मामले में पूछे जाने वाले सवाल का दबंग अंदाज में जबाव देते हुए उन्होंने कहा कि "विरोधियों की मर्ज़ी,चाहें तो मुझपर अंडे फेंक सकते हैं।मैं नौन वेजिटेरियन हूं,आपके फेंके हुए अंडों का मैं आॅमलेट बनाकर खा लूंगा।
भई ,वाह नेताजी क्या जवाब दिया है आपने।अभी तक फेंके हुए अंडों का ऐसा कारगर उपाय सामने नहीं आया था।ऐसे तो दो फायदे होंगे। एक तो अंडों का आॅमलेट बन जाएगा और दूसरा खाने की बरबादी भी नहीं होगी ।
अब देखना,ये है कि ऐसी बेबाक अंडों की टिप्पणी से विरोध में कितनी कमी आती है।लेकिन यह तो तय है विरोध में जो टमाटर,चप्पल इत्यादि इस्तमाल होते हैं.... उनका भी कारगर उपाय ढूंढा जा सकता है।
-पायल
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