कांग्रेस सरकार ही नहीं , पार्टी भी कुछ नहीं करती।
हाथी के दांत, खाने के कुछ और दिखाने के कुछ और।
आठ साल..काफी लम्बा समय होता है। इतने समय में तो अगर कोई चाहे तो एक क्या आठ अस्पताल भी बना ले। लेकिन अब बात यहाँ है भी तो कांग्रेस की। जो इन आठ सालों में एक अस्पताल तक ना बना सकी।
अब यह अस्पताल और कांग्रेस का क्या चक्कर है, मैं बताती हूँ। दरअसल, गुरुग्राम(गुड़गांव) के उल्लवास गाँव में स्थित करीबन 4.8 एकड़ की जमिन, राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट(आरजीसीटी) को लीज पर दी गई थी। 8 साल पहले, भारतीय जनता पार्टी सरकार ने यह ज़मीन आँखों का अस्पताल बनाने के लिए दी थी। लेकिन अब हरियाणा के डिपार्टमेंट ऑफ टाउन एंड कंट्री प्लानिंग(डीटीसीपी) ने इस जमीन को दिया गया अकुपैशन सर्टिफिकेट रद्द कर दिया है। और मेरे ख्याल से यह बिल्कुल सही फैसला लिया है डीटीसीपी ने।भला किस अस्पताल को बनने में 8 साल लग जाते हैं। जबकि राजिव गांधी ट्रस्ट को 7 जनवरी 2012 तक का लम्बा समय भी दिया गया था अस्पताल को बनाने के लिये और बाद में इस सीमा में विस्तार भी कर दिया गया था। लेकिन बावजूद इसके, अब तक कोई अस्पताल तो बनता नहीं दिखा।
तो अब अगर डीटीसीपी ने इसे भूमि अधिग्रहण प्रमाणपत्र का उल्लंघन बताते हुए उसे रद्द कर दिया, तो क्या गलत किया।
हालांकि उल्लवास नगर पंचायत को पंचायत विभाग ने राजीव गांधी ट्रस्ट को ये ज़मीन देने की अनुमति दी थी लेकिन, अब जब इतने सालों बाद भी इस जमीन पर वैसा कोई काम नहीं हुआ जैसा कि कहा गया था । अब 8 साल बाद इस ट्रस्ट, जिसके ट्रस्टी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी हैं, को दी गई जमीन, हरियाणा की मौजूदा मनोहर लाल खट्टर सरकार वापस लेगी।
अब इस मामले में राहुल और सोनिया गांधी कहे भी तो क्या और करे भी तो क्या? लेकिन अब मैं बस इतना ही कह सकती हूँ कि 8 साल वाकई बहुत लम्बा समय होता है।अगर इतने समय में ये एक अस्पताल तक ना बना सके तो इनसे और क्या उम्मीद रखे जनता।
अब बस गाने की एक लाइन याद रही है मुझे..जो वादा किया वो निभाना पड़ेगा। कम से कम गाने के ये बोल भी अपना वादा निभाने की बात कह रहे है।लेकिन यह बात शायद कांग्रेस को अब तक नहीं समझ आई। अगर ऐसा है तो फिर जल्द ही इन्हें समझने की जरुरत है वरना आगे कहीं राजनीति में कांग्रेस की यह सरकार.. जो एक समय इतनी मजबूत हुआ करती थी,अब खो ना जाए और फिर लोग तो यही कहेंगे कि
हाथी के दांत, खाने के कुछ और दिखाने के कुछ और।
--प्रियंका सिंह
Comments
Post a Comment