मोदी जी दे रहें है रोजा इफ्तार पार्टी !

(बकैती) 



मामला कुछ ऐसा है की आप थोड़े कंफ्यूज हो जायेंगे| शाहनवाज हुसैन जो की बीजेपी के नेता है। उनकी बातों से सबलोग अचानक चौक गए। दरअसल मंगलवार (6 जून) को बीजेपी हेडक्वाटर पर शाहनवाज हुसैन एक बात कहकर हलचल मचा दी। हम बता दें उस वक़्त पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन कई लोगों से घिरे हुए खड़े थे। सूत्रो की माने तो शाहनवाज के पास एक फ़ोन आया जिसके बारे में बता कर हलचल मच गई।
खबर के मुताबिक शाहनवाज से जो शख्स फ़ोन पर बात कर रहे थे । वह किसी कार्यक्रम का जिक्र कर रहे थे। उसी बात पर शाहनवाज हुसैन का जबाव था ,हम पंहुच जाएंगे। उसके बाद शाहनवाज ने फ़ोन रखकर पास खड़े लोगों से कहा की मोदी जी इफ्तार दे रहें है, इतना सुनकर सभी लोग भौचक्के रह गए। जब उन्होंने ये बात कहा सबके चेहरे देखकर शाहनवाज को समझ आ जाता है की उनकी बातों को गलत समझा जा रहा ।बस क्या था उसी समय वह साफ़ कर दिए की मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नहीं बल्कि बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी पटना में इफ्तार की पार्टी देंगे।
गौरतलब है की पीएम मोदी ने अबतक कोई इफ्तार पार्टी नहीं दी है। हाल ही में आई खबर के मुताबिक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ भी इफ्तार पार्टी नहीं देंगे। बता दें की योगी आदित्य नाथ गोरखनाथ मंदिर के महंत है, हालाँकि उन्होंने कभी इफ्तार पार्टी का आयोजन नहीं किया है। वहीँ इससे विपरीत कल्याण सिंह और राजनाथ सिंह के अलावा पूर्व  प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी सरीखे नेता भी इफ्तार पार्टी दिया करते थे।


वैसे मोदी की इफ़्तार से चौकाने वाले बिहार के भागलपुर के वर्तमान सांसद शाहनवाज हुसैन का जन्म 12 दिसम्वर 1968 को सुपौल (बिहार) में हुआ था। हुसैन बीजेपी के प्रमुख नेताओं में से एक है। हुसैन ने आईटीआई से इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया है।
उन्होंने अपनी राजनीतिक जीवन की शुरुआत भारतीय जनता यूवा मोर्चा के साथ सचिव बनकर किया। वहीँ 1999 में उन्हें पहली बार लोकसभा का सदस्य बनने का मौका मिला। लोकसभा में उन्हें खाद्यऔर प्रौद्योगिकी का केंद्रीय राज्य मंत्री और खेल एवं यूवा कल्याण का राज्य मंत्री बनाया गया।
खबरों की माने तो 2006 के लोकसभा चुनावों में उन्होंने जीत दर्ज की और विदेशी मामलों की समिति और आर्थिक समिति के सदस्य चुने गए।वही 2009 में हुए लोकसभा चुनावों में भी वे निर्वाचित हुए। लिहाज राजनीति के अलावा वे दिल्ली वक्फ बोर्ड, राष्ट्रिय शक्ति फाउंडेशन आदि संस्थाओं के सदस्य भी है। आज कल सत्ता की मलाई से थोड़े दूर हैं।

-कुमारी अलका 

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