योग और उपवास से निकलेगा किसानों के समस्या का हल!

     (दूर दराज )

तो अब यह शायद नई नौटंकी थी मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान की...ऐसा मैं नही कांग्रेस के अध्यक्ष अरुण यादव का कहना है।
दरअसल बात कुछ यूँ है कि शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को किये गए घोषणा के अनुसार शनिवार से अनिश्चित्कालिन उपवास शुरू कर दिया। सीधे शब्दों में कहा जाए तो मुख्यमंत्री साहब ने किसान और आमजनों से चर्चा के लिए सत्याग्रह का रास्ता अपनाया है। इस आन्दोलन में वे अकेले नहीं थे,उनकी पत्नी साधना सिंह ने भी इस उपवास में उनका साथ दिया और पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी ने भी चौहान का तिलक कर उन्हें शुभकामनाएं दी।
मध्य प्रदेश में शान्ति बहाली और किसानो से उनकी मांगों पर चर्चा के लिये भोपाल के दशहरा मैदान में यह उपवास रखा जा रहा था और यहाँ पहुंचकर मुख्यमंत्री चौहान ने अपनी कैबिनेट और संगठन के नेताओं से सारे विचार विमर्श किये। उपवास के लिए दशहरा मैदान में पूरी तैयारियां भी जोरो पर हुई थी...मैदान में मंच के साथ-साथ अस्थाई मुख्यमंत्री निवास व सभा कक्ष भी बनाया गया था और भारी सुरक्षा बल की तैनाती भी की गई थी।
मुख्यमंत्री जी ने अपने उपवास के दौरान कहा था कि राज्य सरकार ने बीते वर्षों में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। उन्होने कहा कि किसानों को शुन्य प्रतिशत पर कर्ज और खाद व बीज के लिए एक लाख रूपये का कर्ज लेने पर 90 हजार रुपये जमा करने का प्रावधान किया गया और जब भी किसानों पर विपदा आई, वे उनके साथ खड़े रहे। साथ ही उन्होंने किसानो को सोयाबीन की फसल के नुकसान पर 4800 करोड़ रुपये की राशि बांटे जाने और बीमा के लिए 4400 करोड़ रुपये की राशि दिए जाने की भी बात कही थी।
किसानों के हर मुद्दे के साथ-साथ प्रदेश में हो रहे हिंसा पर भी चौहान ने अपनी प्रतिक्रया जाहिर करते हुए चिन्ता जताई और किसानों के लिए अपनी जान तक देने की बात कही।
                                                 
हालांकि जहां सीएम साहब अपने उपवास में किसानों से चर्चा, स्कूल चले हम और मिल बांचे कार्यक्रम की समीक्षा, हमीदिया अस्पताल की व्यवस्थाओं की समीक्षा और किसानों से चर्चा करने के लिए सोच रहे थे तो वहीं उनकी विपक्ष के मुख्यमंत्री ने इस सबको महज एक नौटंकी का हिस्सा कहा। अरुण यादव, कांग्रेस अध्यक्ष, का कहना था कि चौहान ना तो छह किसानों की मौत के बाद, मंदसौर गए और ना ही एक पटाखा फैक्ट्री में हुए विस्फोट में 25 लोगों की मौत के बाद बालाघाट गए। तो यह सब उपवास करना सिर्फ नौटंकी और मुद्दों से भटकाने की कोशिश ही लगी विपक्ष को।
अब कौन सच्चा है, कौन झूठा और कौन किसकी मदद करना चाहता है, कौन नौटंकी यह तो उन्हें ही पता होगा, लेकिन अब देखने वाली बात यह होगी कि मुख्यमंत्री चौहान के इस उपवास से किसानों के जीवन और मध्य प्रदेश की सरकार में क्या परिवर्तन आते हैं।।

--प्रियंका सिंह

   अगर हमारी ख़बर पसंद आई तो हमारा पेज लाइक कीजिए ,👍👍👍

Comments