भारत में राष्ट्रपति चुनाव के नाम पर कुछ और ही हो रहा है ।

( हस्तिनापुर के बोल )


राष्ट्रपति चुनाव, जो कि 17 जुलाई, 2017 को होने वाली है...उसके लिए अब ज्यादा समय नहीं रह गया है। सभी पार्टियों के बीच खींचा-तानी का माहौल बना हुआ है कि किसका नेता इस चुनाव में जीतेगा।
हालांकि अब यह चुनाव राष्ट्रपति चुनाव कम और 'दलित वर्सेज दलित' का चुनाव ज़्यादा लगने लगा है। होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए एनडीए के उम्मीदवार रामनाथ कोविन्द का नाम तो स्पष्ट था ही और कहीं ना कहीं उसकी जीत की भी कल्पना होने लगी थी। लेकिन अब विपक्ष ने पूर्व लोकसभा अध्यक्ष, मीरा कुमार, जो कि पूर्व प्रधानमंत्री जगजीवन राम की बेटी हैं, का नाम चुनाव के लिए एलान किया है।
दरअसल, कांग्रेस और वाम दल का सोंचना था कि राष्ट्रपति चुनाव एकतरफा नहीं होना चाहिए..तभी तो वे एक ऐसे उम्मीदवार को खड़ा करना चाहते थे, जिसे सभी विपक्षी पार्टियाँ अपना समर्थन दें। और ऐसा ही हुआ। गुरुवार को कांग्रेस समेत 17 विपक्षी पार्टियों की मीटिंग के बाद मीरा कुमार के नाम पर उम्मीदवार के लिए मुहर लगाई गई है।



एक तरफ जहां कांग्रेस अध्यक्ष, सोनिया गाँधी ने अन्य दलों से भी मीरा कुमार को उम्मीदवार चुनने के फैसले में समर्थन देने की बात कही तो वहीं वरिष्ठ कांग्रेस नेता, गुलाम नबी आज़ाद ने सोनिया गाँधी का साथ देते हुए कहा कि मीरा कुमार को सर्वसम्मति से चुना गया है।
हालांकि जानकारों का ऐसा मानना है कि राष्ट्रपति चुनाव में हिस्सा लेने के लिए एनडीए के पास इलेकटोरल कॉलेज के 57.85% वोट हैं और इसलिए चुनाव में रामनाथ कोविंद का जीतना कोई मुश्किल बात नहीं होगी।
तो अब बस इंतज़ार है..17 जुलाई की तारीख का। और उसके बाद पता चल जाएगा कि इस 'दलित वर्सेज दलित' यानी की राष्ट्रपति चुनाव का विजेता कौन होगा।।

--प्रियंका सिंह

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