ये क्या कर लिया मोदी जी ने!!
(हस्तिनापुर के बोल)
25 दिसम्बर, 2015 को लाहौर में हुई आश्चर्यजनक मुलाकात के बाद नरेन्द्र मोदी और नवाज़ शरीफ का पहली बार आमना- सामना हुआ, कजाकिस्तान की राजधानी असताना में।
दरअसल यहाँ मोदी और शरीफ शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए आए थे। भारत और पाकिस्तान को वैसे एससीओ के पूर्व सदस्य के तौर पर कल शामिल किया जाएगा। इस बीच दोनों नेताओं ने अपनी औपचारिकता का सबुत देते हुए द्विपक्षीय संबंधों में जमी बर्फ, बातचीत में गतिरोध और जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर बढ़ती शत्रुता के बावजूद एक-दुसरे का अभिवादन किया, जब वे अस्तान ओपरा में स्वागत के लिए लीडर्स लाउंज में थे।
मोदी ने नवाज़ से मिलने पर उनके स्वास्थ्य के बारे में पूछा क्यूंकि शरीफ की पिछले साल जून में हुई ओपन हार्ट सर्जरी के बाद दोनों की यह पहली मुलाक़ात थी। मोदी जी ने ना सिर्फ उनके स्वास्थय बल्कि उनकी माँ और उनके परिवार के बारे में भी पूछताछ की। और कुछ इस तरह से ही दोनों नेताओं के बीच संक्षिप्त शब्दों में वार्तालाप हुई और ये आसान नही रहा होगा....वो भी उस वक्त जब जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तानी सेना ने दो भारतीय सैनिकों का सिर काटने और पूर्व भारतीय नौसैनिक अधिकारी कुलभूषण जाधव को जासूसी के आरोप में पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने फांसी की सजा सुनाई...ऐसे ही कई मुद्दों को लेकर भारत और पकिस्तान के सम्बन्धों में गिरावट आ चुकी है। हालांकि जाधव की फांसी पर अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय ने रोक लगा दी है।
गोपाल बागले, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता, ने मोदी और शरीफ की द्विपक्षीय बैठक पर कहा था कि उनका रच्च्ख नही बदला है। और भारत कहता रहा है कि मोदी-शरीफ बैठक के लिए ना तो पाकिस्तान ने कोई प्रस्ताव रखा है और ना ही भारत ने। लेकिन यह स्वागत समारोह के लिए रवाना हिने से पहले जब नवाज़ शरीफ से यह पूछा गया था कि उनकी मोदी के साथ बैठक होगी या नही, तो इसपर शरीफ ने सिर्फ मुस्कुराया और अपना हाथ लहरा कर मीडियाकर्मियों को जवाब दिया।
कजाख्स्तान के राष्ट्रपति नूरसुल्तान नजरबायेव द्वारा आयोजित इस स्वागत समारोह में मोदी और शरीफ के अलावा रुसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति चिनफिंग भी शामिल हुए थे।
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