इस गे(समलैंगिक) ने भारत का नाम ऊँचा कर दिया.....

(विदेशी बक बक)


एक बिलकुल नए ख़बर की चर्चा  और ख़ुशी का माहौल फ़िलहाल आयरलैंड की हवाओं में देखने और सुनने को मिल सकता हैं आपको। मुझे लगता है वहां के निवासी काफी ख़ुश नज़र आ रहे होंगे, अब क्यों ख़ुश नज़र आ रहे है वो तो सोचने वाली बात हैं!
शायद  किसी की शादी की ख़बर सामने आई होगी?, या कुछ नया आविष्कार या शोध हुआ होगा?, या वहां के स्टार्स के कुछ  विवादास्पत बाते सुनने में आई होंगी! अगर ऐसा कुछ आप सोच रहे है तो आप गलत हैं...
आपको बता दें, भारतीय मूल के 'लीओ वराडकर' को सत्तारूढ़ पार्टी फाइन गाएल ने अपना नेता चुन लिया हैं और इसी के साथ वो आयरलैंड के नए प्रधानमंत्री बन गए हैं। सही कहा था न मैंने, है ना ये जबरदस्त ख़बर आयरलैंड के लोगों के लिए।
महज 38 साल में आयरलैंड के प्रधानमंत्री बनकर लीओ ने नया इतिहास रचा हैं। इसके बाद हीं आयरलैंड के सबसे कम ऊम्र वाले पी एम बन गए हैं लीओ।
वराडकर को आयरलैंड के तीन इलेक्टोरल कॉलेज में 60 फीसदी वोट मिले हैं, जबकि उनके प्रतिद्वंदी साइमन कोविनी को 40 फीसदी। महज इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि वराडकर कितने लोकप्रिय हैं।
इन सभी बातों के अलावा, सबसे खास बात ये है कि वो आयरलैंड के पहले समलैगिक प्रधानमंत्री होंगे। शायद, आप सोच रहे होंगे कि मैंने कुछ गलत लिख दिया हैं तो नहीं, आप गलत सोच रहे हैं। लीओ ने 2015 में सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया था कि वह  ' गें ' हैं। क्या बात है प्रधानमंत्री जी, आपकी सत्यता, ईमानदारी, शुद्ध भाव की तो मैं फैन हो गई!
आपको बता दे, लीओ समलैगिक विवाह का समर्थन भी करते हैं। साथ ही ये बात लीओ ने अपने 36वें जन्मदिन पर  मंत्री बनने के बाद, गे होने की बात कबूली थी। इसके साथ ही उन्होंने कहां था कि, "यह कोई सीक्रेट नहीं हैं।"
आपको पता है आयरलैंड को यूरोप में सबसे रुढ़वादी देश माना जाता है। ऐसे में वराडकर वहां उदारवाद का चेहरा बनकर उभरे हैं। वडाकर समलैगिक विवाह को मान्यता दिलाने और साथ हि एबोशन कानून को उदार बनाने के लिए अभियान भी चला चुके हैं।
आयरलैंड में साल 1993 तक समलैगिकता को अपराध माना जाता था और वहीं वराडकर ऐसे शख्स हैं, जो खुद को खुलेआम समलैगिक कहते हैं।
साथ ही लीओ की कुछ अलग बाते भी सामने आ रहीं हैं, क्या आपको पता है? नहीं, अच्छा कोई नहीं मैं आपको बताती हूँ। लीओ वराडकर पेशे से एक डॉक्टर हैं और आयरलैंड की क्रिकेट टीम का भी हिस्सा रह चुके हैं। है ना ये उनके पेशे से हटकर कुछ बातें!
आपको पता है  आयरलैंड में पी एम के पद को  'ताओसीच' कहा जाता है। वहां पी एम का चुनाव संसदीय पार्टी काउंसिलर और पार्टी के सदसयों के वोटों के आधार पर होता है। इसमें संसदीय पार्टी के वोटों की अहमीयत सबसे ज्यादा  होती हैं।

जहां तक मुझे पता है, एक पी एम की बहुत बड़ी भूमिका होती है अपने देश, अपने शहर को बिगाड़ने और सवारने में। अब ये देखने की जरूरत है कि क्या लीओ वराडकर अपने दिलों के तार जनता से जोड़ पाते है की नहीं...एक पी एम में सत्यता, ईमानदारी और अपनापन का भाव होना चाहिए तब हि वो जनता से आसानी से जुड़ सकेगें, और मुझे ये भाव आयरलैंड के नए प्रधानमंत्री में देखने को तो मिल रहे हैं। आशा है कि लीओ जनता की उम्मीदों पर खड़ा जरुर उतरेंगे।
धन्यवाद!

सोनल

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