कंडोम मत लगाना'तुम्हें मर्दानगी का वास्ता।

( विचार अड्डा )



गौर फरमाने वाले सारे मर्द ,ज़रा ये बताईए आपकी मर्दानगी किस बात से जाहिर होती है ??? ढाई किलो के हाथ से,जुबान में गालियों से निकली बात से, या फिर घर में अपनी बीवी पर थप्पड़ों की बरसात से ?हालांकि सही तो इनमें से कोई नहीं है,पर इन मर्दों पर आवाज उठाने की तमाम कोशिशें समाज में आए दिन चलती है।क्योंकि समाज इसे गलत मान चुका है।
अरे,अरे नाराज़ होने की तो बात ही नहीं है अगर आप ऊपर के तीन श्रेणियों में नहीं आते!वो क्या है कि समाज और समाचार दोनों ये इस बात की रोज गवाही देते है कि भई जो फलाना फलाना में जो तेज है वो मर्द है!!! 
लेकिन इन सब से ज़रा नज़र हटाए तो एक चौथी श्रेणी भी है, हो सकता है कि बचे-खुचे लोग इसी से खुद को मर्द समझते होंगे और श्रेणी है"असली मर्द कंडोम  का इस्तमाल नहीं करते!!" 

क्या हुआ .....?गुस्सा हो गए, एक्साइक्टेड हो गए या फिर अन्दर के मर्द को दर्द होने लगा,इस तरह के टिप्पणी पर !!(यह बात सिर्फ उन्हीं लोगों के लिए है जो खुद को इस श्रेणी का मर्द समझते हैं!) अब देखिए, समाज में आवाज भी उसी बात पर उठती है,जो बात गलत हो और आप उसे दबाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हो। हालांकि की यह बात अलग है कि बहिष्कार अपना रास्ता भले बदल ले,पर अपनी मंज़िल नहीं छोड़ता।

क्या इन मर्दों की समझ में यह नहीं आता कि लगातार         "गर्भनिरोध दवाओं और गर्भपात" से महिलाओं के शरीर पर कितना बुरा असर पड़ता है। धीरे धीरे शरीर को बर्बाद कर देते हैं ये उपाय। पर समझने वाली बात तो यह है कि भला ऐसे मर्दों को कौन समझाए ? रिसर्च में यह पाया गया है ,कि ज्यादातर महिलाएं अपने पार्टनर को कंडोम के इस्तमाल करने के लिए मना नहीं पातीं।बात ये नहीं है कि वे मना नहीं पातीं बल्कि बात ये है कि लोग मानना नहीं चाहते। यह छिपने-छिपाने वाली बात है ही नहीं।हां मगर ये अलग बात है कि आपको बात से छुपना आसान लगता हो ,पर अपनी ज़िम्मेदारियों से नहीं !! 

जो एडवरटाइजमेंट टीवी पर आते नहीं थे,या फिर आने के बाद या तो लोग टीवी चैनल बदल देतें थें या तौबा तौबा करने लगते थें!! अब वही एडवरटाइजमेंट "सेक्स एजुकेशन" के अन्तर्गत आतें हैं। हां पर यह बात अलग है लोग इसे एजुकेशन की तरह या फिर एक्ट्रेस के कारण देख तो लेते हैं,पर समझते ज़रा भी नहीं! समाज की यही कड़वी सच्चाई दिखाता है यह वीडियो। ऐसे मर्दों के द्वारा क्या क्या दलील दी जाती है ,इसको उजागर करता है यह वीडियो।   

अगर आप ऐसे मर्द नहीं तो आप वाकई समझदार हैं।खुद के लिए भी और आपके अपनों के लिए भी।लेकिन अगर आप इनमें से हैं तो देखिए,समझिए और सीखिए।  हानिकारक पिल्स को बार-बार किसी को खिलाने से,और किसी अजन्मे बच्चे को मारने से कहीं  ज्यादा समझदारी का काम है कंडोम का इस्तमाल!

खुद बदलिए ,समाज बदलेगा!!
जो डगमगा रहा है,वो सब संभलेगा !!!

-पायल


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