अब क्या करेगी मोदी सरकार ? भाजपाई कांग्रेसी बने गले की हड्डी।

(हस्तिनापुर के बोल)



नरेन्द्र मोदी जहां पूरे देश के लिए नई-नई योजनाएं सोंच रहे हैं, नए-नए हथकंडे अपना रहे हैं..और उम्मीद कर रहे हैं कि पूरा दश इन सब मामलों में उनका साथ दे..लेकिन यहाँ तो माजरा ही कुछ और है।
मोदी जी ने जहां पशु बाज़ारों में हत्या के लिए मवेशियों की खरीद-बिक्री पर बैन लगा दिया है, वहीं उन्ही की पार्टी के नेता और अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने ही इसका विरोध किया है।
पशु क्रूरता निवारण नियम,2017 के शीर्षक से राजपत्र में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा इसका उल्लेख किया गया है, जिसके मुताबिक़ कोई भी मवेशी को तभी बाज़ार में लाया जाएगा, जब घोषणापत्र में यह लिखा हो कि मवेशी को मांस कारोबार के लिए हत्या करने के मकसद से नही बल्कि कृषि सम्बन्धी उद्देश्य से ही बेचा जा रहा है। इसके अलावा मवेशी को राज्य से बाहर के व्यक्ति को बेचने पर भी प्रतिबन्ध लगाया गया है। यहाँ तक कि राज्य सीमा के 25 किलोमीटर के भीतर पशु बाज़ार पर भी रोक लगाई गई है। मवेशी के खरीदार को लेकर भी सख्ती बरती जाएगी, और बेचने वक़्त यह जांच की जाएगी कि वह किसान है या नही।

लेकिन जहां मोदी जी ने इतने सारे नियम लागू करने का निर्णय लिया है, वहीं उनके ही टीम के सदस्य उनके खिलाफ खड़े हो रहे हैं। खांडू ने सीएनएन न्यूज़ 18 के भूपेंद्र चौधरी से अपनी बातचीत में कहा था कि वह खुद बीफ खाते हैं और इसमें कुछ गलत नहीं है और केंद्र सरकार को अपने इस नोटिफिकेशन पर दोबारा सोचने की नसीहत दी। साथ ही उन्होंने मोदी सरकार को काफी सम्वेदनशील बताया और कहा कि सिर्फ अरुणाचल प्रदेश ही नही , पूरे नार्थ ईस्ट में अधिक संख्या में ट्राईबल रहते हैं, जो नॉन- वेजेटेरियन हैं। पेमा खांडू के अलावा बीजेपी नेता वैंकेया नायडू ने कहा कि इस मुद्दे पर वो राज्यों से बात करेंगे और मवेशियों को लेकर दोबारा विचार करेंगे।
अब आगे यह देखना दिलचस्प होगा कि नरेन्द्र मोदी इस मुद्दे को लेकर क्या कदम उठाएंगे...अपने फैसले पर कायम रहेंगे या फिर अपने नेता के साथ जाएँगे।

--प्रियंका सिंह


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