मौजूदा समय में भारत सरकार GST को अपने देश में 1 july 2017 से लागू करने जा रही है ताकि व्यवसायिक जगत में कर चोरी को कम किया जा सके। हालांकि इसे लागू करने की मंशा के पीछे सरकार का मूल उद्देश्य भ्रष्टाचार को कम करना ही है। तथापि इस तथ्य से इंकार नहीं किया जा सकता इससे समाज के सभी वर्ग को समान रूप से लाभ मिलेगा ।इसके पीछे कारण यह है की GST में अनाज ,तेल,साबुन,कोयला, टूथपेस्ट जैसे रोजमर्रा की वस्तुओं पर यह कर या तो नहीं लगेगा,अथवा 5% के हिसाब से लगेगा ,ताकि मंहगाई हमेशा नियंत्रण में रहे। इस सन्दर्भ में यह सवाल खासकर कृषि जगत से जुड़े लोगों के जेहन में उठना स्वाभाविक है की क्या इसे इस वर्ग को भी समान रूप से फायदा मिल सकता है,खास कर उनकी तुलना में जो इस व्यवसाय से नहीं जुड़े है। बेशक ,इससे गैर कृषि कार्यो से जुड़े लोगों कों कुछ ज्यादा फायदा हो सकता है।
इससे होने वाले लाभ कृषि व्यवसाय से जुड़े लोगों को तभी मिल सकता है जब उन्हें इस व्यवसाय से संबंधित साधनों जैसे कृषि कार्य से जुड़े मशीनरी औजारों, खाद बीज आदि की उत्पादकता ,उपलब्धता और आबंटन संबंधी सुविधाओं की व्यवस्था सुव्यवस्थित एवं सुदृढ़ हो ।यह सर्वमान्य तथ्य है की आजादी के 70 वें साल में भी भारत के अन्नदाता जीवन जीने की नहीं बल्कि खुद के जीवन को समाप्त करने की ओर अग्रसर है। यह सोचने समझने की बात है, अगर सरकार स्वयं ही देशवासियों (युवाओं) से इस बात के लिए आग्रह कर रही हो की युवा वर्ग नौकरी खोजने अर्थात पाने की ओर उन्मुख न हो बल्कि नौकरी बाटने की ओर अग्रसर हो।लेकिन यह सभी युवाओं के लिए संभव भी तो नहीं लगता । ऊपर से सरकार द्वारा अगर कोई बेरोजगार किसी तरह कोचिंग अथवा लर्निंग स्कूल से कुछ कमाने की चेष्टा करता है तो उस पर भी टैक्स ,लेवी आदि लगाए जाने लगते है,अन्यथा दंडायक करवाई की बात होने लगती है। कायदे से सर्वानुमति इस तथ्य पर बनाकर ही सरकार को सही एवं सन्तोषजनक निर्णय लेना ही श्रेयस्कर जान पड़ता है। ऐसा न हो की नौकरी पेशा को इसका ज्यादा लाभ मिले और गैर नौकरी वालों को कम।
अन्य बात कि सरकारी सूची में शामिल 1211 वस्तुओं में से 7% GST नहीं लगाने की बात हो रही है,आखिर वे कौन कौन सी वस्तुयें है। अगर इन 7% वस्तुओं में कृषि कार्य से उत्पादित होने वाली वस्तुयें भी शामिल है तो तय मानिए की इससे कृषि में लाख सुधार वादी योजनाओं को अगर लागू भी किया जाता है तो भी यह वर्ग तुलनात्मक रूप से घाटे में ही हमेशा रहेगा।
संजय कुमार
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