वो कवि जिसके शब्द अब भी दिल को छू जाते हैं.....

(भूले बिसरे)



वो कवि जिसके शब्द अब भी दिल को छू जाते हैं

कहते है कि जब किसी सीप में ओस की बूँद गिरती है तो वो मोती बन जाता है। और उसके चमक से सारा संसार जगमगाता है। ठीक उसी तरह जब एक कवि के ह्रदय से  कोई अल्फ़ाज़  जा कर टकराते हैं तो वो अलंकृत और सुमधुर कविता का रूप ले लेती है...और इसमें जीवन जैसी निरंतरता व्याप्त होती है जो युगों युगों तक नदियों की भांति बहती रहती है...


#सुमित्रानंदन_पंत हिंदी साहित्य में छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक हैं। इस युग को जयशंकर प्रसाद, महादेवी वर्मा, सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' और रामकुमार वर्मा जैसे कवियों का युग कहा जाता है|
उनका जन्म अल्मोड़ा (यू. पी.) के कैसोनी गाँव में हुआ था। पंत का वास्तविक नाम गुसाई दत्त रखा गया था! पर ये नाम पसंद न आने की वज़ह से उन्होंने अपना नाम सुमित्रानंदन पंत रख लिया! झरना, बर्फ, पुष्प, लता, भंवरा गुंजन, उषा किरण, शीतल पवन, तारों की चुनरी ओढ़े गगन से उतरती संध्या ये सब तो सहज रूप से काव्य का उपादान बने। निसर्ग के उपादानों का प्रतीक व बिम्ब के रूप में प्रयोग उनके काव्य की विशेषता रही |
उनका व्यक्तित्व भी आकर्षण का केंद्र बिंदु था, गौर वर्ण, सुंदर सौम्य मुखाकृति, लंबे घुंघराले बाल, ऊँची नाजुक कवि का प्रतीक समा शारीरिक सौष्ठव उन्हें सभी से अलग मुखरित करता है |
आधुनिक भारत के इस दिग्गज हस्ताक्षर और छायावाद के स्तंभ सुमित्रानंदन पन्त जी की जन्मजयंती पर उन्हें शत शत नमन ||



जग के उर्वर आँगन में
बरसो ज्योतिर्मय जीवन!
बरसो लघु लघु तृण तरु पर
हे चिर अव्यय, चिर नूतन!
बरसो कुसुमों के मधु बन,
प्राणो में अमर प्रणय धन;
स्मिति स्वप्न अधर पलकों में
उर अंगो में सुख यौवन!
छू छू जग के मृत रज कणकर
दो तृण तरु में चेतन,
मृन्मरण बांध दो जग का
दे प्राणो का आलिंगन!बरसो सुख बन, सुखमा बन,
बरसो जग जीवन के घन!
दिशि दिशि में औ' पल पल में
बरसो संसृति के सावन
!
      ✍  सुमित्रा नंदन "पंत"



**प्रमुख कृतियां:- वीणा, ग्रंथि, लोकायतन पल्लवाणी, मधु ज्वाला मानसी, सत्यकाम...।

पुरष्कार/सम्मान- 'चिदंबरा' के लिए भारतीय ज्ञानपीठ , लोकायतन के लिए सोवियत नेहरू शांति पुरष्कार और हिंदी साहित्य की इस अन्नवरत सेवा के लिए पद्मभूषण से नवाजा गया।

हर जीवन का एक मकसद होता है और उसे पूरा करना जीवन का मूल कर्तव्य । पंत के जीवन से हम इन बातों को अमल में लाकर एक अच्छे जीवन की कल्पना कर उसे मूर्त रूप भी दे सकते हैं।
              Anshu😊

Comments