हीरोइन का बेटा उसे पीटता था .......

(फ़िल्मची)



छोटे बच्चे की उंगली पकड़े हुए मां समाज में हर तरफ देखने को मिलेगी ,पर बूढ़ी मां का हाथ पकड़े हुए उनका बच्चा समाज में काफी कम देखने को मिलता है ।समाज की कड़वी सच्चाई यही है कि  जिन मां बाप को  बच्चों का बचपन खुशियां देता है ,उन्हीं में से कुछ बच्चों को अपने मां बाप का बुढ़ापा बोझ लगने लगता है ।


कुछ ऐसी ही तस्वीर देखने को मिलेगी आपको गुड़गांव  के अस्पताल में जहां निर्दयता ने  एक बार  फिर साबित किया है कि मात्र तरीकों का फर्क है वरना क्या बॉलीवुड और क्या आम दुनिया सबके पीछे की सच्चाई एक सी है ।
पाकीज़ा जैसे यादगार फिल्म की अभिनेत्री गीता कपूर की आज ऐसी हालत है कि किसी के आंखो में भी आंसू आ जाए।गुड़गाव के  अस्पताल में 58 वर्ष की अभिनेत्री   बिलख बिलख के रो रही थी क्यूंकि उनका बेटा राजा एटीएम से पैसे निकाल कर लौटा ही नहीं ..शायद गीता भी समझ चुकी थी कि उनका बेटा उन्हें अस्पताल में छोड़कर भाग गया है ।
गीता दो बच्चों की मां है ,बेटा राजा पेशे से कोरियोग्राफर है और बेटी पूजा एयरहोस्टेस ।पर जिंदगी में इतना कुछ बनने के बाद भी गीता के दोनों बच्चे गीता के  इलाज का खर्चा भी नहीं उठा सकते ।आज उन्हें अपनी मां बोझ लगने लगी है ।
बर्बरता की बात तो यह है कि गीता का बेटा उन्हें मारता भी था।  उन्हें कोई भी मिलने आता है तो वो हाथ जोड़ने लगती है मानो उन्हें कितना टॉर्चर किया गया हो ।
गीता की हालत की खबर फैलते ही उनके दोनों बच्चों से संपर्क करने की कोशिश की गई पर किसी ने कॉल नहीं उठाया ।
ऐसे वक्त में बॉलीवुड उनकी मदद के लिए काफी आगे आया है ।जहां फिल्ममेकर अशोक पंडित और रमेश तौरानी ने उनके अस्पताल का बिल भरा वहीं रितेश देशमुख भी अब गीता की मदद के लिए आगे आए है ।एक इवेंट में उन्होंने अपील की है कि जो भी गीता की मदद कर सकते है आगे बढ़ कर करे ।गीता की हालत अब पहले से बेहतर है ।
शहर की चकाचौंध के पीछे काफी अंधेरा होता है पर उसी अंधेरे के पीछे अपने घर में छोटे दीपक से काफी उजाला ।।। पर मुश्किल तब हो जाती है जब इस चकाचौंध के पीछे का अंधेरा जब हमें घेर ले और अपने घर का दीपक सबसे पहले बुझ जाए। कुछ ऐसी स्थिति दर्शाती है गीता की कहानी....
 
पायल

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