चूहों ने दारू के बाद अब आदमी खाने लगे ....

(दूर दराज़)




बड़ी प्रचलित कहावत है कि हर कुत्ते का दिन आता है। लेकिन आजकल कुत्ते का नहीं बल्कि चूहे के दिन आ गए हैं वो भी सरकार के अकर्मण्यता की वजह से। कई राज्यों के शासन—व्यवस्था की पोल जिस तरह से चूहे खोल रहे हैं, लगता है शासन—व्यवस्था के पोल खोलने का टेंडर इस बार उन्हें ही मिला है। हाल ही में बिहार पुलिस के मुताबिक चूहे  ने कई हजार शराब पीकर जो कारनामा कर दिखाया वह गिनिज बुक आॅफ वल्ड रिकॉर्ड में शामिल करने लायक है।  खैर, बिहारी हर जगह भारी पड़ता है। चाहे वह इंसान हो या चूहा। हमारा डीएनए ही कुछ ऐसा है। बिहार में इस तरह की घटना वैसे आम हो गई है जैसे जापान में भूकंप। लेकिन बिहार से बाहर अगर इस तरह की घटना सुनने को मिलती है तो थोड़ा आश्चर्य जरूर होता है।

बिहार के बाद शासन—व्यवस्था की लापरवाही के कारण चूहे ने एक कारनामा किया है मध्य प्रदेश में वह भी ऐसा हृदयविदारक जिसे सुनकर शायद भल्लालदेव (बाहुबली के सबसे निष्ठुर चरित्र) के मुंह से भी एक बार आह! निकल जाये। जी हां यह घटना है कि मध्य प्रदेश की। यहां के जिला अस्पताल की हालत इतनी खराब है कि यहां मरीजों को बेड तक नहीं मिलते हैं। वे जमीन पर सोकर रात गुजारते हैं। यह घटना है 14 मई की रात की जब कोलारस के कुम्हरौआ गांव की निवासी सुनीता देवी को प्रसव के लिए इस अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां 15 मई उसने एक बच्ची को जन्म दिया। लेकिन बेड नहीं मिलने के कारण उन्हें रात जमीन पर गुजारनी पड़ी। इस दरम्यान एक चूहे ने उस नवजात बच्ची की ऊंगली कुतर डाली। जिससे नवजात की उंगली से खून निकलने लगा। खून निकलते देख मां का कलेजा दहल उठा तो उसने शोर मचाया। शोर सुनकर अस्पताल के प्रशासन वहां पहुंचे। सुनीता देवी ने बताया कि उसने एक चूहे को भागते देखा। सबसे हैरानी की बात यह है कि अपनी नाकामी छुपाने के लिए अस्पताल वाले इस बात को माानने के लिए तैयार ही नहीं हुए। हालांकि बच्ची के उंगली से खून निकलते देख उन्होंने यह माना कि बच्ची के हाथ में जख्म है लेकिन ये जख्म चूहे के वजह से है इसे वे नकार रहे हैं। जब क्षेत्रीय चिकित्सा अधिकारी (आरएमओ) डॉ. एसएस गुर्जर से बात की गई तो वे भी वही धुन अलापने लगे जो अस्पताल के बांकी कर्मी अलाप रहे थे। उन्होंने इस मामले को गंभीरता से न लेते हुए सिर्फ इतना कहा कि बच्चे को इंफेक्शन से बचाने के लिए इंजेक्शन दे दिया गया है और वह स्वस्थ है।
आगे जो भी हो लेकिन एक बात तो साफ है कि विकास के बड़े—बड़े दंभ भरने वाले मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पोल एक बार फिर चूहे ने खोल दी।

-अश्वनी भैया

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