ये बंदा पुणे को आईपीएल जिताएगा
(गिल्ली डंडा)
मैदान पर उतरने से पहले सभी दर्शकों के जुबां पर सिर्फ एक ही नाम आता था- सचिन...सचिन...। लेकिन, समय बदला, सदियाँ बदली और इनके बीच आवाजें और शोर-गुल भी बदले। और आवाज़े आईं- धोनी...धोनी...। एक साधारण व्यक्तित्व, छोटे से राज्य झारखण्ड का रहने वाला स्टेट-बाय, आज अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट जगत में अपनी पहचान ऐसा बनाया कि दुनिया बस ताकती रह गई। ना जाने कितनी ही बाधाएँ आई होंगी, लेकिन सभी बाधाओं को ठंडे दिमाग से पार पाते हुए भारत को दो-दो विश्वकप दिलाई। तभी तो दुनिया इसे “कैप्टन कूल” के नाम से जानती है। ऐसे ही कुछ हुआ मुंबई ईंडियन्स के साथ क्वालिफायर मैच के दौरान। 'कैप्टन कूल' का बल्ला मंगलवार को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में आग उगल रहा था। उनके आक्रामक अंदाज को देखकर विरोधी टीम मुंबई इंडियन्स के गेंदबाजों का दम फूलने लगा। उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि माही को कौन-सी और कहां पर गेंद करें। महेंद्र सिंह धोनी का बल्ला भले ही कभी-कभी बोलता हो लेकिन सबको पता है कि जब धोनी फॉर्म में होते हैं, तो कोई भी गेंदबाज उनके सामने नहीं टिकता। धोनी की इसी धुआंधार पारियों को दर्शक हर वक्त देखने को बेताब रहते हैं। ऐसी ही कुछ धुआंधार फार्म विकेट के पीछे भी देखने को मिलती है। विकेटकीपिंग में आज भी धोनी का कोई जवाब नहीं।
आईपीएल10 में उन्होंने एक बार फिर दिल्ली डेयरडेविल्स के खिलाफ अपनी फुर्तीली स्टंपिंग का नमूना पेश किया। जिस फुर्ती से धोनी ने बॉल को लपका और स्टंप किया वह देख दर्शक और कॉमेंटेटर भी दंग रह गए। धोनी की स्टंपिंग, नैनो सेकेंड से भी कम की लगती है। धोनी की यहीं तेज-तर्रार विकेटकीपिंग की दुनिया कायल है। धोनी की ऐसी स्टंपिंग देख संजय लीला भंसाली की फिल्म बाजीराव मस्तानी का यह डायलग बिल्कुल सटीक बैठता है, "चीते की चाल, 'बाज़' की नजर, और 'धोनी' की स्टंपिंग पर कभी संदेह नहीं करते। धोनी आईपीएल इतिहास में ऐसे खिलाड़ी है जो सातवी बार फाईनल मैच खेलेंगे। आज भी माही के क्रिच पर आते चारों तरफ सिर्फ एक ही आवाज़ सुनाई देती है धोनी...धोनी...।
-विवेक खेळची
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