भ्रष्टाचारी नेता जी 83 की उम्र में 12वीं पास किया

(दूर दराज़)




कहते हैं बुढ़ापे में इन्शान शरीर और दिमाग दोनों से कमजोर हो जाता है।उसे किसी के सहारे की जरुरत होती है जो उसे इस ढ़लती उम्र में संभाल सके।मगर ओम प्रकाश चोटाला ने तो ये कहावत ही झुठी कर दी और पछतावे की मिसाल खड़ा  कर दिया। उन्होंने ये साबित कर दिया के शिक्षा पाने की कोई उम्र नहीं होती।


हरियाणा के पूर्ण मूख्यमंत्री ओम प्रकाश चोटाला शिक्षक भर्ती घोटाले में दिल्ली की तिहाड़ जेल में दस साल की सजा काट रहे हैं मगर इसी दौरान उन्होंने बारहवीं कक्षा की परीक्षा देने का फैसला किया ।उनका कहना था के कुछ मजबूरियों के वजह से वो अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पाये थे तो क्या हुआ वक्त ने उन्हें अब मौका दिया पढ़ाई करने का और वो इस मौके को जाने नहीं देगें। ओम प्रकाश चोटाला ने बारहवीं की परीक्षा दी और प्रथम क्ष्र्णी में पास भी किया 83.वर्षीय ओम प्रकाश चोटाला के कदम यहीं रुकने वाले कहाँ हैं। उन्होंने बीए की पढ़ाई करने का फैसला किया है।


ओम प्रकाश चोटाला ने सभी के लिए एक मिसाल कायम की है।जो बुजुर्गों सोचते हैं कि वो समाज की कमजोर कड़ी हैं बस एक बोझ हैं। उन्हें ओम प्रकाश चौटाला से सिखाना चाहिए कि वो बूढ़े नहीं बल्कि समाज की ऐसी अहम कड़ी है जो हर नामुमकिन कार्य को मुमकिन कर सकते है।
जो सिखाना छोड़ देता है वो बूढ़ा है चाहे बीस का हो या अस्सी का , जो सिखता रहता है वो जवान रहता है। जिन्दगी की सबसे बड़ी चीज है अपने दिमाग को जवान रखना।


-रश्मि रानी



Comments