ऐसे तो हर भारतीय लड़की का रेप होता है

(विचार अड्डा)



एक ख़बर मेरी आँखों के नीचे से गुजरी। आँखों की चमक को जादू की झप्पी देती हुई। ख़बर थी कि सेक्स के बीच में बिना पार्टनर को बताए कंडोम निकला रेप की श्रेणी में आता है। जब ख़बर की जड़ में गई तो यह बात अमेरिका की निकाली। 
      वहीं सामने वाली टीवी चैनल के नीचे बार में ख़बर घूम रही थी कि ' निर्भया जैसा एक और रेप'। गज़ब है कहीं असहमति के बाद पत्नी से सेक्स भी रेप है और कहीं कोई रोज सलाखें घुसाए जा रहा है। कोई नहीं आता है अब जंतर मंतर। क्या करें अब तो ये बातें पीएचडी का विषय बन गई है।
कहने को तो मोदी जी हमारे देश के प्रधानमंत्री कहते हैं कि उन्होंने भारत को लडकियों के लिए सुरक्षित बना दिया है। चार साल में 34%अत्याचार महिलाओं के प्रति बढ़ा है। हर दो मिनट में एक महिला पे अत्याचार कि रिपोर्ट पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई जाती है, हर सात मिनट में एक लड़की छेड़ी और परेशान की जाती है भारत में। ये कैसा सुशासन है सरकार का कैसे लड़कियाँ सुरक्षित हैं भारत में ये अब आप खुद ही सोच लिजिये।
न जाने कब नेताओं और सरकार के वादे सच होंगे हमारे देश में लड़कियाँ खुद को सुरक्षित महसूस करेंगी और लड़कों के कदम से कदम मिला के चलेंगी।


 हालांकि लोग इस बात को ख़ोज सकते हैं कि किसी ने किसी का रेप क्यों किया ? यह भी संभव है कि सरकारें सीसीटीव लगाएं। लड़कियों के लिए विशेष क़िस्म के ताले बाटें जाए। सरकार हर लड़की के पीछे एक पुलिस खड़ी कर दे।लेकिन क्या लोग उसकी असहमति को अहमियत देते होंगे।  कोई पत्नी अपनी पति को ना कहने की हिम्मत है भारत में। पता नहीं कोई कब तलाक दे दे। मुझे कुछ लिखना नहीं। आपको लगता है तो असहमति का सम्मान करें। नहीं तो लोहे की छड़ घुसाते फिरिये।




आज उसनें मुझे फिर मारा

आज उसनें मुझे फिर मारा
कहता के तू धोकेबाज है
इस कलयुग में तुने जो जन्म लिया
यही तेरा सबसे बडा़ घोर अपराध है।

आज उसने मुझे फिर मारा
कहता कि तू मेरी रातों का संताप है
मेरे जीवन में आने वाली हर खुशियों को ग्रहण लगाने का तू  ही एक बदनुमा दाग है।


-रश्मि रानी

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