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       (दूर दराज)                    
                                         

 माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के  शासन काल के तीन साल पूरे हो गए है ..!! आज अख़बार में विस्तृत रूप से यह आंकलन किया गया है कि मोदी ने इन तीन सालों में कितने दिलों को छुआ!! कहीं नोटेबंदी का जिक्र है तो कहीं डिजिटल इंडिया का ...। लगभग तीन साल के हर बिंदु पर चर्चा है । अगर चर्चा नहीं है तो प्रश्नपत्र मामले की!!! क्यूंकि शायद इस बात पर फिलहाल कोई बड़ा कदम नहीं उठाया गया है । परन्तु यह भी नहीं कहा जा सकता कि इस मामले को अख़बार ने जगह नहीं दी है..ऐसा कतई नहीं है!!!!!
बीते वर्षों से अख़बार के पन्ने प्रश्नपत्र लीक मामलों से खुद सराबोर कर चुके है!!! बात बस इतनी है कि एक मामला आता है ,तुल पकड़ता है  और  जब दूसरा मामला आता है  तो हम पहले के मामले को भूल जाते है ।

साल 2016 हो या 2017 पूरा साल प्रश्नपत्र लीक मामलों से गर्म रहा!! आइए नजर डालते है कुछ लीकेज पर  ....
1.एसससी (staff selection commission )एमटीएस(multi tasking staff) प्रश्नपत्र लीक .....मैग्नेटिक गंजी के उपयोग से उतर लिखने की कोशिश कर व्हाट्सएप पर उत्तर लीक।।।
2. नीट प्रश्नपत्र लीक ...कपड़ों में चिप लगाकर नकल करने के प्रयास दिल्ली के पटेल नगर से खरीदे गए कपड़े ...और व्हाट्सएप पर उत्तर लीक ।
3.बीएसएससी (Bihar staff selection commission) ..यहां भी व्हाट्सएप पर प्रश्नपत्र लीक ।
पर यह तो मात्र चंद उदाहरण हैं ...अगर चंद साल भी खंगाले जाय तो सिक्कों की तरह खनखना के ऐसे कई घटना सामने आ जाएगी । पेपर लीक में सोशल मीडिया का खासा उपयोग किया गया गया है । वहीं कुछ मामलों में कपड़ों में उपकरण लगाए गए। वहीं इसपर कार्रवाई की बात करें तो कुछ परीक्षाएं  निलंबित हुई, कुछ के रिजल्ट में देरी हुई। पुलिस को अपराधी तक पहुंचने में काफी वक़्त लग गया । हालांकि की इन मामलों में कई लोगों की गिरफ्तारी भी हुई है।


पर मद्देनजर रखने वाली बात यह  है बिहार से लेकर राजस्थान ,न जाने कितने राज्य इस प्रश्नपत्र लीक मामले से ग्रसित है। आखिर कब तक यह नकल और चोरी की आदत हमारे भारत को बर्बाद करेगी ? बड़ा सवाल यह है कि ऐसा कौन सा कदम सरकार उठाए की दुबारा किसी अपराधी के हाथ शिक्षा को शर्मशार न होना पड़े  और भारत के विद्यार्थियों का भविष्य अंधकार में न समाये।
इसी  मद्देनजर रखने वाली बात यह  है बिहार से लेकर राजस्थान ,न जाने कितने राज्य इस प्रश्नपत्र लीक मामले से ग्रसित है। आखिर कब तक यह नकल और चोरी की आदत हमारे भारत को बर्बाद करेगी ।बड़ा सवाल यह कि ऐसा कौन सा कदम सरकार उठाए की दुबारा किसी अपराधी के हाथ शिक्षा को शर्मशार ना करे और भारत के विद्यार्थियों का भविष्य अंधकार में ना डाले ।।प्रस्तुत एक कविता ...
गंजी में चिप लगाकर ...
मास्टर जी को उल्लू बनाकर ...
कभी कभी बच्चे चोरी करते हैं ...
टेबल के नीचे से हाथ बढ़ाकर ...
उल्टा सूल्टा गणित पढ़ा कर ...
कभी कभी मास्टर भी चोरी करते हैं ...
खिड़की पर खुद को लटका कर ..
बेटे को पर्ची पहुंचा कर ...
कभी कभी मां बाप भी चोरी करते हैं...
कहां चोर ढूंढने निकले हो ..चोर तो हमारे ही अन्दर रहते है !!!
हमारे ही अन्दर रहते है!!                      

पायल

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