हवाई अड्डा पर CISF के सेना अब शौचालय नही जाएंगे...जानिए कैसे..?

(दूर दराज )






अपनी मातृभूमि की सुरक्षा सेना का मुख्य कर्त्तव्य है... हर हालत में वो अपने देश की सुरक्षा करें... । लेकिन किस हद तक....? एक सेना होने से पहले हर सेनानी एक मानव है। जिसे भूख लगती है..प्यास लगती हैं...और इसके अलावा जो कि सबसे अहम है...टॉयलेट..जरा सोचिए..क्या इसे भी इंसान रोक कर रख सकता है... क्या इसके लिए भी किसी मानव को देश सुरक्षा के नाम पर  रोक कर रखना होगा..भाई हद ही हो गयी अब तो..!

...दरअसल हुआ ये है कि एअरफ़ोर्स के high security zone में तैनात केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के जवानों को ड्यूटी के वक़्त toilet जाने की सख़्त मनाही हो गयी है! ये दिशा निर्देश अर्द्ध-सैनिक बल के विमानन सुरक्षा मुख्यालय के द्वारा दिए गए  है...। आपको बता दें कि यह फ़रमान देश के 59 नागरिक हवाईअड्डों की सुरक्षा में तैनात जवानों के लिए है..!

                                   

अब ऐसा क्यों किया गया है इसका जवाब आपको काफ़ी संजीदा लग सकता है...गौर करने वाली बात है कि यह फैसला कुछ जवानों के मादक पदार्थों व सोने की तस्करी के मामले में शामिल होने की उड़ती हुई सच्ची-झूठी ख़बर के परिणामस्वरूप लिया गया है..।

इस फरमान में यह भी आदेश दिए गए  हैं कि ड्यूटी के वक़्त मोबाइल का प्रयोग वर्जित है..चलो ये तो समझ आता है..पर टॉयलेट के लिए मनाही ये बात मुझे बिलकुल तर्कसंगत नहीं लग रही..! मानव की मानव पर ये अत्याचार वाली बात हो गयी। जो सेना हमारी सुरक्षा के लिए 24 घंटे तैनात रहते है उनपर इस प्रकार का प्रतिबन्ध कितना सही है इसका फैसला मैं आप पाठकों पर ही छोड़ता हूँ.. आप विचार कर अपना जवाब भेजें...
               ✍  अंशु

Comments

  1. जब बात मादक पदार्थ की तस्करी से जुड़ा हो तो मामला संजीदा बन ही जाता है।इसीलिए इस बात की गहराई से तफ्तीश होनी चाहिए कि माजरा क्या है।
    पर आज कल सेना के नाम पर विधवा विलाप करना फैशन सा बन गया है, कोई उसे वोट बैंक केलिये तो कोई राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए तो कोई मीडिया की TRP के लिए इस्तेमाल कर रहा है।

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