यह महिला होगी भारत की नई राष्ट्रपति

(हस्तिनापुर के बोल)





कोई भी देश तरक्की के शिखर पर तब तक नहीं पहुँच सकता, जब तक महिलायें कंधे से कन्धा मिला कर न चले| क्या सोच रहें आज फिर वही घिसी पिटी बातें? आहम आज एक ऐसी ही महिला की बात कर रहें जो अपने इरादों से पीछे हटी नहीं और अब  भारत की राष्ट्रपति के उम्मीदवार बनने जा रही हैं| किसी ने सही कहा है कि 'जब है नारी में शक्ति सारी , तो फिर क्यों नारी को कहें बेचारी' जी हाँ हम बात कर रहे उड़ीसा की  द्रोपद्दी  मुर्मू की | उन पे ये लाइन बहुत खूब फिट हैं
' मै भी छू सकती हूँ आकाश , मौका की है मुझे तलाश'|
अब मौका तो मिल ही गया आपको द्रोपदी जी | बीजेपी के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी ' मुरली मनोहद जोशी, सुषमा स्वराज, सुमित्रा महाजन जैसे बड़े दिग्गज नेताओक्स साथ साथ आजकल भारत के अगले राष्ट्रपति के संभावित उम्मीदवार में से एक नाम द्रोपदी मुर्मू का भी सामने आ रहा है|


हम बता दें द्रोपदी मुर्मू उड़ीसा के आदिवासी परिवार में जन्मी हैं| उनका जन्म 20 जून 1958 को उड़ीसा के एक आदिवासी परिवार में हुआ था| उन्होंने अपनी  बीए की डिग्री रामा देवी वीमेस कॉलेज से प्राप्त की थी | उसके बाद उन्होंने उड़ीसा के राज्य सचिवालय में नौकरी भी किया | अपने राजनितिक करियर की शुरुआत उन्होंने 1997 में की थी जब वो नगर पंचायत का चुनाव जीत कर पहली स्थानीय पार्षद बानी| एक पार्षद से लेकर राष्ट्रपति उम्मीदवार बनने तक का उनका सफ़र देश की सभी आदिवासी महिलाओ के लिए प्रेरणादायी हैं|
द्रोपदी मुर्मू पहेली ऐसी उड़ीसा नेता है जिन्हें किसी भारतीय राज्य की राज्यपाल नियुक्त किया गया| वर्ष 2000 से 2005 तक उड़ीसा विधानसभा में रायरंगपुर से विधयक तथा राज्य सरकार में मंत्री भी रही | अगर बात करें उनके छवि की तो वह बहुत ही साफ़ सुथरी राजनैतिक छवि के कारण द्रोपदी मुर्मू को बीजेपी के आलाकमान नेताओं से हमेशा अच्छे और महत्वपूर्ण पदों के लिए वरीयता मिलती रही है| बताया जा रहा है की उनका नाम भारत के राष्ट्रपति के चुनिंदा पांच उम्मीदवार में शामिल कर लिया गया है|
द्रोपदी मुर्मू बहुत ही मजबूत दावेदार है| राष्ट्रपति पद के लिए बीजेपी में सबसे पहले पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी का नाम आया था, पर बाबरी विध्वंस मामले में भाजपा के वरिस्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी और लालकृष्ण आडवाणी सहित 13 नेताओं के खिलाफ अपराधिक साजिश का मुकदमा चलाय जाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद द्रोपदी मुर्मू की दावेदारी मजबूत होती दिख रही है| बता दें कि महिला और अच्छी छवि के चलते विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भी दौड़ में शामिल है , लेकिन सेहत के हवाले से उनकी दावेदारी कमजोर पड़ती दिख रही है| दलित और दक्षिण के नाम पर केंद्रीय मंत्री वैंकेया नायडू भी दौड़ में है| उनके नाम पर विपक्ष की सहमति बन पाएगी इस पर भाजपा को संदेह है| इन परिस्थियों में द्रोपदी मुर्मू की  दावेदारी अधिक मजबूत और तार्किक बताई जा रही है|
हम आपको बता दे की वर्त्तमान राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी का कार्यकाल इस वर्ष जुलाई में पूरा हो रहा है | इसी माह नए राष्ट्रपति के लिए चुनाव होगा| पांच राज्यओ में विधानसभा चुनाव के परिणाम ने भाजपा को बहुमत के करीब ला दिया है | इससे साफ़ है की अगला राष्ट्रपति भाजपा की पसंद का ही होगा|
आजादी के बाद से अब तक कोई आदिवासी राष्ट्रपति नहीं बना है | मुर्मू भी आदिवासी समाज से है ऐसे में उन्हें उम्मीदवार बनाकर भाजपा एक नेक सन्देश दे सकती है|
इंतज़ार की घड़िया जल्द खत्म होने वाली है और हमें हमारे भारत के राष्ट्रपति जल्द मिल जाएंगे पर देखना दिलचस्प होगा आखिर जीत किसकी होती है|


 
कुमारी अलका

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