उदार आतंकवादी की खूंखार कहानी.........
(दूर दराज़)
आतंकवाद आज हमारे देश के लिए सबसे बड़ा खतरा बन चुका है।जो हमारे देश को दीमक की तरह खोखला करते जा रही है।ना सिर्फ हमारे देश के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए जी का जंजाल बन चुका है। आंतकवाद से पूरी दुनियां त्राहि त्राहि कर रही है।हर रोज न जाने कितने मासूमों की जान आंतकवाद से जा रही है।इस आंतकवाद का खात्मा कब होगा ये तो खुद़ा ही जाने।
हिजबुल कमांडर सबजार अहमद भट्ट जो के आंतकवाद के खुद़ा बताए जाते थे।शनिवार को दक्षिण कश्मीर के त्राल में हुए एनकाउंटर में भट्ट को सुरक्षाबलों ने मार गिराया । भट्ट को वानी की मौत के बाद कमांडर बनाया गया था। वहीं भट्ट की मौत के एक दिन बाद ही आतंकी संगठन ने अपना नया कमांडर नियुक्त कर दिया है।29 साल के रियाज नाईको को भट्ट की जगह पर यह जिम्मेदारी दी जाने वाली है।रियाज आतंकी संगठन से जुड़े सभी आतंकियों में सबसे पुराना है।पर रियाज की पहचाना हिजबुल के कट्टर आतंकियों के बीच सबसे अलग है।कहा जाता है पूरे आतंकी संगठन में रियाज की पहचान अपेक्षाकृत उदारवादी विचार मानने वाले के रूप में है।रियाज न सिर्फ टेक-सैवी है बल्कि वह घाटी में धर्मनिरपेक्ष संस्कृति को बढ़ावा देने में भी यकीन रखता है।हाल ही में संगठन से वैचारिक विरोध का हवाला देकर अलग हुए जाकिर मूसा के विचारों की लगातार वह मुखालफत करता रहा है।सिर्फ इतना ही नहीं कुछ दिन पहले ही एक विडियो जारी करने के बाद रियाज चर्चा में आया था। 11मिनट के विडियो में उसके सहयोगी जुबैर की तरफ से कश्मीरी पंडितों को संबोधित करते हुए उनसे घाटी में लौटने की अपील की गई थी।विडियो संदेश में रियाज ने कहा था 'हम हमेशा ही कश्मीरी पंडितों का खुले दिल से स्वागत करते हैं। उनके लिए हमारें दिल में हमेशा ही जगह है।कश्मीरी पंडित हमारे देश के नागरिक हैं और हम उनके रखवाले हैं दुश्मन नहीं।'
पर रियाज नाइकू इतना भी अच्छा इंशान नहीं है।अब मैं आपको रियाज की असली कहानी बताती हूँ। पुलवामा जिले के अवंतिपुरा के दुरबग का रहने वाला रियाज की पिछले तीन वर्षो से सुरक्षाबलों को तलाश है।जब-जब उसको पकड़ने के लिए जाल बिछाया जाता, वह भाग जाता है। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक रियाज पर पब्लिक सेफ्टी एक्ट लगा था लेकिन जब यह एक्ट हटा तो वह आतंकवाद से जुड़ गया।नया कमांडर पुलिस ऑफिसर्स समेत कई हत्याओं का आरोपी है।सबजार की तरह यह भी वानी का करीबी था और पिछले वर्ष वानी के साथ आई कई फोटोग्राफ में इसे देखा गया था। इंटेलीजेंससूत्रों की मानो तो हिजबुल ने रियाज को इसलिए नया चीफ बनाया है ताकि वह मूसा की कही बातों को खारिज कर सके ।जाकिर मूसा ने कुछ दिनों पहले एक विडियो जारी कर कहा था की हिजबुल, कश्मीर में एक नया इस्लामिक शासन लागू करने के लिए लड़ रहा है और वह यहाँ पर शरिया कानून लगाना चाहता है।यह लड़ाई सिर्फ आजादी की लड़ाई नहीं है।
आंतकवादी चाहे अच्छा हो या बुरा वो बस एक आतंकवादी ही होता है। जिसका मकसद बस आतंक फैलाना और देश को नुकसान पहुँचाना है।हाँ ,पर अगर आतंकवादी उदार होगा तो आतंक थोड़ा कम फैलेगा पर फैलेगा तो जरुर।मासूमों की जान जाएगी तो जरूर।अब रियाज नाइकू कितना शरीफ़ है और कितना आतंकवादी ये आप खुद तय करें।
रश्मि रानी
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