फ़ोन पे शादी वो भी आतंकवादी से!!!!!

(दूर दराज़)




बड़ी हैरतअंगेज वाली बात है, आपने मोबाइल या फ़ोन पर ट्रिपल तलाक तो सुना होगा पर कभी मोबाइल या फ़ोन पर निकाह करते हुए सुना है| वह भी एक आतंकी संग़ठन आईएस  के युवक से|बता दें कि आजमगढ़ का नाम काफी समय से आतंकी गतिविधियों से जुड़े लोगों की पैठ से काफी विख्यात हो गया है|
खबर है कि यहां की मेडिकल छात्रा ने एक आतंकी युवक के साथ फ़ोन पे ही निकाह कर ली| बताया जा रहा है की इस छात्रा ने फ़ोन पर आतंकी संग़ठन ISIS के एक युवक से निकाह कर लिया है| दोनों की दोस्ती 2012 में फेसबुक के जरिये हुई जो की प्यार में बदल गई| इस मेडिकल छात्रा ने उससे इतना प्रभावित हुई की एक होने का फैसला कर लिया| ख़बरों की माने तो 2016 के मई महीने में दोनों के परिवार की सहमति से फ़ोन पर निक़ाह कर लिया|
बताया जा रहा है कि वह ISIS आतंकी सलाफी से अहल-ए-हदीस और इस्लाम के बारे में चर्चा करती थी| सलाफी ने इस मेडिकल छात्रा को अपने साथ आने और सीरिया से इस्लामिक जीवन बिताने का ऑफर दिया था| लिहाजा आतंकी ने मेडिकल छात्रा को ये भी बताया था की उसकी शादी हो चुकी है और उसके दो बच्चे भी है| 2014 अप्रैल महीने में सलाफी सऊदी अरब चला गया| उसने उस छात्रा को सऊदी अरब  आने के लिए प्रेरित किया| उसने उससे कहा की सऊदी अरब आने में शफी अरमार नामक एक व्यक्ति उसकी मद्दद करेगा|
बता दें कि यह वही शफी अरमार है जो भारत में ISIS आतंकी नेटवर्क से जुड़े संग़ठन का प्रमुख है| सलाफी ने उस मेडिकल छात्रा को प्रलोभन दिया था की सीरिया में युद्ध  क्षेत्र में नहीं जाना होगा और दोनों चैन के साथ वहाँ रह सकेंगे| हालांकि मेडिकल छात्रा उसकी बातों में नहीं आई और सऊदी अरब नहीं गई| इसलिए एनआईए के अधिकारियों ने उस छात्रा से पूछताछ नहीं की| बता दें अभी वह छात्रा आजमगढ़ में ही है.

गौरतलब है की इससे पहले भी संजरपुर, बीनायारा, सरायमीर आदि के तार आतंकी संग़ठनो स जुड़ चुके है। माफियां डॉन अबू सलेम का पैतृक गांव होने के कारन यह पहले भी चर्चा में रहा है। अब ISIS से जुड़ने के बाद यह एक बार फिर चर्चा का विषय बन चूका है।
बहरहाल पुलिस अधीक्षक अजय कुमार साहनी का कहना है कि सरायमीर की एक मेडिकल छात्रा का ISIS आतंकी से शादी करने की खबर सामने आई है। जानकारी जुटाने के लिए ख़ुफ़िया तंत्र को सतर्क किया गया है। हालाँकि अभी तक कोई पुष्ट जानकारी हासिल नहीं हो पाई है। ख़बरों की माने तो अभी वह आजमगढ़ में ही है और एनआईए ने उस लड़की की पहचान उजागर नहीं की है।
बताया जा रहा है कि सलीफा मुस्लिम युवाओं को बरगलाकर उन्हें ISIS की भारत शाखा जुनैद उल खलीफा फिल-हिंद में भर्ती करना था।जुनैद उल खलीफा फिल-हिंद में अभी 30 सदस्य सक्रिय हैं। सलाफी ने केवल ISIS आतंकियों की भर्ती करता था बल्कि उन्हें एनआईए के छापे से पहले सचेत भू करता था।
बड़ी बात यह है कि हाल में सलाफी को सऊदी अरब से भारत प्रत्यर्पित गया है। वह ISIS की शाखा जुनैद उल खलीफा फिल-हिंद के लिए भारतियों की भर्ती करता था। टाइम्स ऑफ़ इंडिया रिपोर्ट के मुताबिक 37 वर्षीय सलाफी राजस्थान के चुरू का रहने वाला बताया जा रहा है और ISIS के भारत प्रमुख शफी अरमार के साथ नज़दीकी से जुड़ा है।

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