एगो नौकरी के लिए अउ एगो छोकरी के लिए... दौड़
(यूँ हीं)
भोरे भोरे आँख खुली... एकदम नींद से छटपटा के उठे...जानते हैं काहे..? उ एगो भयंकर सपना न देख लिये थे..हम! अब का बताएं आपको ई उमरे अइसन है। ..न..न कुछो गलत मत समझियेगा..का बताएं.. एगो लोअर क्लास फैमिली के लइका जब जुआन होत है तब ओकरा से घर वाला सब कुछ जादे उम्मीद रखे लगते हैं..अउ उहे उम्मीद ऊ लइका के सर के बोझ बन जाता है..। इहे नू आज हम सपना में देखे..एकदम हार्ट मुँह में आ गया था..। अउर एगो बात कहें..ई लइकन सब एगो शब्द के इस्तेमाल करता है.."Career"..इसको सुनते है न मनवा डर के मारे धक-धक करने लगता है.....
सच कहें त हमको लगता है कि ई..आज के हर युवा के समस्या है..। कोई सेक्टर में आप देख लीजिए.. लइकन के भीड़ लागल है..। पढ़-लिख के लोग बेरोजगार बैठल है..।
इसको अगर आप धियान से देखिएगा तब आपको समझ में आएगा की अइसन हो काहे रहा है..? एगो फिल्लम आप लोग भी देखे होंगे..नाम है..3 idiot.. इसमें एगो बाबा रणछोड़ दास कहे थे..जे..बेटा.. क़ाबिल बनो..कामयाबी तो झख मार के पीछे भागेगी..। पर आज की युवा से पूछें तो पता चलेगा कि..उनको..बस नौकरी चाहिए..और उसके लिए कर क्या रहे है..?..पूछो.. तो सुनने में आता है..की बाबूजी बैंक से 4-5 लाख लोन लिए है और कोटा..से इंजीनियरिंग.. डाक्टरी..न त..जनरल competetion के तैयारी कर रहे है..इसमें चार साल पांच साल तक कोल्हू के बैल जैसन खुद को जुताओ..नौकरी लो..बियाह करो और बस हो गया career set..। कुल मिला कर सार इहे है..कि ई दौर है ''एगो नौकरी पावे के और एगो छोकड़ी पावे के..।"
हमार ई मतलब नै है कि एहिजा के युवा में हुनर नै है...हुनर तो एतना है कि..देश तर जाएगा.. बाकि ई लोग के सही राह नै मिल रहा है..और सही राह के चुनाव कैसे होगा इहे नै बुझा रहा है..बस लगे हुए हैं दौड़ में.. पहले हम..नै..पहले हम..।
खैर..अब जाइये आप लोग पढ़िए लिखिए..ज्यादा नै पकाएंगे आप लोगों को..सही राह और सही नजरिया रखिये..जिससे नौकरी लेवे वाला नै देवे वाला बनिए..।
अंशु✍
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