ई कांग्रेसी अपनी बजाने पर तुले हैं।

(  हस्तिनापुर के बोल )



पिछले कुछ समय से भारत की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस अपने पतन की ओर काफी तेजी से बढ़ रही है। मजे की बात यह है कि पार्टी के हो रहे इस पतन में कांग्रेस के उप मुखिया और उनके ईमानदार कार्यकर्ता काफी बढ़—चढ़कर सहयोग दे रहे हैं। वर्तमान में कांग्रेस की इस हालत के जिम्मेदार कौन है शायद यह बताने की जरूरत नहीं है। कांग्रेस की पूरी जिम्मेदारी अपने कंधे पर उठाये कांग्रेस उपाध्यक्ष महोदय के कारनामें को देखकर दो ही बात समझ में आती है— पहला ये कि वो किसी की सुनते नहीं हैं, जो दिमाग में आता है वही कर देते हैं।(उनके राजनीतिक दिमाग की कुशलता से तो हम सब परिचित हैं) और दूसरा शायद जिसकी वे सुनते हैं वह या तो उनसे अपना निजी दुश्मनी निकाल रहा है या पार्टी ने आरक्षण श्रेणी से उसे बहाल कर रखा है। सत्ता से बाहर होने के बाद से अबतक सरकार के खिलाफ एक विपक्ष के नाते कांग्रेस की जो रणनीति रही है उससे तो यही दिख रहा है। या इसे फिर समय का दोष भी कहा जा सकता है। कहते हैं कि जब आपका समय खराब चल रहा हो तो उंट पर भी  बैठ जाइये कुत्ता काट ही लेगा। वर्तमान सरकार के खिलाफ कांग्रेस विपक्ष के नाते जितना बेबस और लाचार दिख रहा है वैसा शायद ही कभी कोई विपक्ष रहा होगा। मोदी के सत्ता में आने के बाद कांग्रेस विपक्ष के नाते सरकार के विरोध के लिए काफी मशक्कत से  मुद्दा तलाशने की कोशिश कर रही है। इसे किश्मत कहें या फिर कांग्रेस का कुकर्म कि वर्तमान सरकार को घेरने के लिए वह जो भी मुद्दा उठायी उसमें खुद ही फंसती चली गयी। चाहे नोटबंदी हो या फिर रोहित वेमुला या फिर जेएनयू के देश विरोधी नारे लगाने वाले छात्रों का समर्थन या कुछ और...। सब जगह आमजनों का साथ सरकार को मिलता दिखा और कांग्रेस को किरकिरी झेलनी पड़ी। वैसे में कांग्रेस को बड़ी मुश्किल से एक मुद्दा मिला— वह था गाय को बचाने की आड़ में हिन्दुत्व के नाम पर गुंडागर्दी और सरकार का उसके खिलाफ नरम रूख। फिलहाल यह मुद्दा कांग्रेस के लिए संजीवनी की तरह था, जिसे लेकर शायद कांग्रेस लोगों के दिलों में जिंदा रह सकती थी।  लेकिन, इसे समय दोष कहें या कुछ और कांग्रेस के एक विंग यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ता ने अपनी नादानी की वजह से इसे भी गंवा दिया।



हाल ही में मोदी सरकार ने एक कानून लाया जिसमें खरीदे हुए पशु  (गाय,भैंस इत्यादि) का वध नहीं किया जा सकता है।
कांग्रेस के लिए यह काफी अच्छा मुद्दा था क्योंकि वह शुरू से ही यह कहते आ रही है कि बीजेपी सिर्फ पशुओं को बचाने का ढोंग करती है, हकीकत तो यह है कि सबसे ज्यादा गाय व अन्य पशुओं के मांसों का व्यापार इन्हीं के समर्थक (हिन्दु) करते हैं। अगर इन सब बातों को छोड़ दें तो भी विपक्ष के लिए विरोध करने का यह एक अच्छा मुद्दा था। क्योंकि भारत की एक अच्छी खासी आबादी आज भी चमड़े व मांस के व्यापार से अपनी जीविका चलाते हैं। इस कानून से उनकी जीविका थोड़ा-बहुत प्रभावित जरूर होगी। लेकिन कांग्रेस के एक विंग यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ता ने केरल के कन्नूर जिले में जिस मूर्खता और बर्बरतापूर्ण तरीके से इसका विरोध किया वह कांग्रेस के लिए ही गले में फांस बन गया है। यूथ कांग्रेस के एक कार्यकर्ता रिजिल मक्कुट्टी ने सरकार के इस कानून के विरोध में कन्नूर में दिनदहाड़े सड़क पर एक गाय के बछड़ा को बर्बरतापूर्वक काट कर अपना विरोध प्रदर्शन किया। रिजिल मक्कुट्टी के इस कारनामें वीडियो  केरल के एक बीजेपी कार्यकर्ता कुमानम राजशेखरन ने ट्वीटर पर शेयर किया। उस समय इस वीडियो को लोगों ने ज्यादा नोटिस नही लिया लेकिन जब इसी वीडियो सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहने वाले बीजेपी नेता तेजिंदर बग्गा ने शेयर किया तो ये वीडियो कांग्रेस के लिए गले का फाँस बन गया।  कांग्रेस पर चौतरफा आलोचना शुरू हो गया। सरकार से इस कानून का विरोध करने वाले अन्य विपक्षी दलों ने भी कांग्रेस के इस कुकृत्य की निंदा की। कांग्रेस ने खुद के बचाने के लिए शुरू  में रिजिल का कांग्रेस से किसी तरह के संबंध को नही स्वीकारा लेकिन जब बग्गा नें कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के साथ उनका फ़ोटो और कुछ कागजात  शेयर किया तो कांग्रेस के पास और कोई चारा न बचा। इस घटना से कांग्रेस को चारो तरफ से घिरता देख कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर इस घटना को बर्बरतापूर्ण और निंदनीय बताया। न चाहते हुए भी कांग्रेस को अपने कार्यकर्ता रिविल को निलंबित करना पड़ा। वहीं बीजेपी ने मौका पर छक्का मारते हुए इस वीडियो को 100 करोड़ लोगों  के आस्थाओं से जोड़ दिया।

गाय के मुद्दे पर हमेशा से घिरे रहने वाली बीजेपी को इस घटना से दो फायदा होता दिख रहा है- पहला यह कि उन्हें हिन्दुओ का साथ और दूसरा, बीजेपी समर्थक अगर गाय को बचाने के आड़ में गुंडागर्दी भी करेगी तो लोग उसे सही मानेंगे।
वैसे इस कानून का भविष्य जो भी हो लेकिन कांग्रेस जिस तरह से सरकार के विरोध में खुद ही फंसती जा रही है उससे तो यही कह सकते हैं कि- 'लोगों का तो समय खराब होता है लेकिन कांग्रेस का तो जामान ही खराब चल रहा है।'

Comments