कोविद के बाद अब नायडू की बारी

( हस्तिनापुर के बोल )




हाल ही में राजनीति की दुनिया में एक ऐतिहासिक दिन कायम हुआ है। जब रामथकोविंद भाजपा की तरफ से देश के राष्ट्रपति के पद पर विराजमान हुए।इस तरह से देश के प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति के पद पर भाजपा का अस्तित्व कायम है। इसके साथ ही उपराष्ट्रपति चुनाव के पद के लिए भाजपा की तरफ से वेंकैया नायडू उम्मीदवार है। एनडीए ने महात्मा गांधी के पोते गोपाल कृष्ण गांधी को विपक्ष में उम्मीदवार बनाया है।

जिस उम्मीदवारी पर वेंकैया नायडू के भांजे श्री कृष्ण कुलकर्णी ने विरोध जताया है। इस संदर्भ में उन्होंने एक पत्र भी लिखा है। पत्र में उन्होंने कांग्रेस पर वंशवाद की राजनीति करने के आरोप लगाया है। श्रीकृष्ण ने लिखा है कि महात्मा गांधी हमेशा अपने नाम के इस्तेमाल से बचते थे और वो किसी पद के लालसी नहीं थे। जबकि नेहरू गांधी परिवार ने परिवाद को बढ़ावा दिया है।जिसके उदहरण में उन्होंने कहा कि मौजूदा कांग्रेस अध्यक्ष 18 साल से पद पर हैं और अब राहुल गांधी यह पद संभालने को तैयार हैं।

उन्होंने गोपाल कृष्ण गांधी से सवाल करते हुए आगे लिखा है कि फिर भी आपने उनका उम्मीदवार बनने का सोचा? इस पार्टी के तरफ से इतने घोटाले हुए पर आपने इसपर कभी बयान नहीं दिया।वंशवादी राजनीति करने वालों की तरफ से आपने अपना नाम आगे किया यह देखकर मुझे काफी निराशा हुई।

इस बीच गोपाल कृष्ण गांधी ने वेंकैया नायडू से राज्यसभा टीवी चैनल पर बातचीत करने की इच्छा जताई है।इसके लिए उन्होंने एक पत्र लिखा है।पत्र में उन्होंने लिखा है कि" यह पैनल डिस्कशन होगा कोई डिबेट नहीं।" उन्होंने यह तर्क दिया है कि प्रोग्राम को देखने वालों को भी बहुत नई जानकारियां मिलेंगी।

अंशु प्रिया

Comments