सेना पर भ्रष्टाचार का बड़ा आरोप लगा।
( मुद्दा )
भ्रष्टाचार जैसे शब्द अब आम हो गई है। लोग भ्रष्टाचार के खिलाफ कितना भी आवाज उठा लें भ्रष्टाचार तो होता ही है। इसका शिकार छोटे से छोटे लोगों को भुगतना पड़ता है।भ्रष्टाचार धीरे-धीरे इतना बढ़ता जा रहा है की यह हमारे देश को अंदर ही अंदर खोखला बना रहा है।
खबरों की माने तो बीएसएफ के डायरेक्टर जनरल के ऑफिस से एक हैरतंगेज़ खुलासा किया गया है।जी हां, बीएसएफ के वर्तमान महानिदेशक केके शर्मा के ऑफिस से दो पन्ने जारी एक आदेश के अनुसार बीएसएफ में लगभग सभी पद और नियुक्तियां संवेदनशील पाई गई है और इनमें भ्रष्टाचार की आशंका जताई जा रही है। यह आदेश बीएसएफ के एक विभाग द्वारा जारी किया गया है जो जवानो की सर्विस से जुड़े मुद्दे को देखता है, जिसे एचआर विभाग कहते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार इस आदेश में ऐसी संभावना के लिए कोई तार्किक कारण , अन्य जवाब, या फिर इस संभावित दोष को दूर करने के लिए कोई उपाय नहीं सुझाये गए है।
गौरतलब है कि अक्टूबर 2015 में बीएसएफ के पूर्व डीजी डी के पाठक ने कहा था कि जिस फ़ोर्स की अगुवाई वो कर रहे है, उसमे नाम मात्र का भ्रष्टाचार के कुछ मामले हैं। हालांकि 20 महीने के अंदर ही हालात ने अविश्वसनीय बदलाव देखा गया है।
बहरहाल, देश की सीमा की निगरानी का जिम्मा संभालने वाले बीएसएफ के बारे में ऐसी रिपोर्ट निश्चित रूप से चिंता जनक है.. हालांकि इस आदेश को समर्थन अधिकारी द्वारा अप्रूव भी किया गया है।
हम बता दे आदेश के अनुसार बीएसएफ का फ़ोर्स मुख्यालय, कमांड मुख्यालय , ट्रेनिंग संसथान, सरहदी मुख्यालय , सेक्टर मुख्यालय औ बटालियन मुख्यालय इस दायरे में आते हैं। आदेश की स्क्रूटनी से पता चलता है कि विभाग के जूनियर अधिकारी भी भ्रष्टाचार मुक्त नहीं है। आपको बता दें बटालियन मुख्यालयों में जवानो को दिए जाने वाले राशन और कल्याण की जिम्मेदारी सँभालने वाले अधिकारी भी अब इस आदेश के दायरे में घिरे हुए हैं.. साफ़ शब्दों में कहे तो उन पर भी शक की सुइयां बज रही है।
अगर बात करे अधिकारी भर्ती, पोस्टिंग, निर्माण , नगद, खाता और विजिलेंस से जुड़े लोगों की भी सख्ती से निगरानी की जायेगी। हालांकि ऐसे संदिग्ध पोस्ट को पहचाने कारने की प्रक्रिया रूटीन है.. पर इस बार जिस तरह से पुरे फ़ोर्स को सवालों के घेरे में लाया गया है, जो निश्चित ही चिंता का विषय है।
बहरहाल इस मामले पर अबतक गृह मंत्रालय और बीएसफ मुख्यालय की प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है। बीएसएफ में कई अधिकारी इस घटना को कांस्टेवल तेज़ बहादुर यादव द्वारा लगाय गए आरोपों के बाद कथित करप्शन को दूर करने की तैयारी से जोड़ कर देख रहे है। दरअसल तेज बहादुर यादव ने बीएसएफ कैंटीन में खाने पीने में गड़बड़ी की शिकायत की थी। उन्होंने परोसे जाने वाले खाने का वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया था। जिसके कारण काफी विवाद हुआ था। हालांकि एक जाँच के बाद इसी साल 19 अप्रैल को तेज बहादुर को नौकरी से निकाल दिया गया था।
कुमारी अलका
Comments
Post a Comment