राम को मिला रामराज्य की ज़िम्मेवारी !
(हस्तीनपुर के बोल )
हमारे देश के 14वें राष्ट्रपति पद पर निर्वाचित
होने पर रामनाथ कोविन्द ने कहा कि वे संविधान की रक्षा और मर्यादा को भी हमेशा बनाये रखेंगे। रामनाथ कोविन्द ने विपक्ष
में खड़ी मीरा कुमार को संक्षिप्त और भावुक भाषण में उनको भविष्य के लिए शुभकामनाएं
दी। रामनाथ कोविन्द ने अपनी गरीबी में बिताये बचपन के दिनों को याद किया। अपनी
औपचारिक घोषणा के बाद जब एएमनाथ कोविन्द मीडिया के सामने आये और कहा- "जिस
राष्ट्रपति पद का गौरव डॉ. राजेंद्र प्रसाद, डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन, एपीजे अब्दुल कलाम और प्रणव मुखर्जी जैसे विद्वानों
ने बढ़ाया है उस पद पर रहना मेरे लिए गौरव की बात है और यह मुझे जिम्मेदारी का
एहसास करा रहा है।"
मीरा कुमार को पराजित कर रामनाथ कोविन्द बने देश
के 14वेंं राष्ट्रपति-
रामनाथ कोविन्द कहते है- "आज दिल्ली में
सुबह से ही बारिश हो रही है। मुझे आज अपने वो बचपन के दिन याद आ रहे हैं जब हमारे
गांव में बारिश हुआ करती थी। उस समय हमारे घर कच्चे हुआ करते थे और ऊपर की छत फुस
से छायी रहती थी जो बारिश के दिनों में पानी को नहीं रोक पाती थी। हम भाई-बहन
दीवार से चिपके बारिश के रुकने का इंतज़ार करते थे। आज पता नही कितने रामनाथ
कोविन्द इस बारिश के मौसम में भीग रहे होंगे, मज़दूरी कर रहे होंगे, खेतों में काम कर रहे होंगे सिर्फ इसलिए की उनको
भोजन मिल जाये उसके लिए पसीना बहा रहे होंगे। आज के दिन मैं सबसे यह कहना चाहता
हूँ कि पौरख गांव का यह निवासी रामनाथ कोविन्द आज राष्ट्रपति पद पर निर्वाचित होकर
राष्ट्रभवन की ओर जा रहा है।"
जानिए हमारे 14वें राष्ट्रपति के बारे में कुछ
और बातें -
रामनाथ कोविन्द ने अपने राष्ट्रपति पद के चयन को
भारतीय लोकतंत्र की महानता बताया है। रामनाथ कोविन्द कहते हैं - " मेरा
राष्ट्रपति के रूप में चुना जाना हर उस भारतीय व्यक्ति के लिए सन्देश है जो अपना
काम बड़ी ईमानदारी से करते हैं । राष्ट्रपति पद के लिए चुना जाना न कभी मैंने सोचा
था और न ही मेरा उद्देश्य था। पर समाज सेवा की भावना मुझे यहां तक ले आई। यह सेवा
भाव हमारे भारत देश की परम्परा है। मैं अपने संविधान की मर्यादा को बनाये रखूंगा
और इसकी रक्षा करूँगा।" रामनाथ कोविन्द ने अपने पक्ष में मत देने वाले
प्रतिनिधियों को शुक्रिया अदा किया।
देश के नये राष्ट्रपति को दे बधाई: मीरा कुमार
जारी रहेगी विचारधारा की लड़ाई - मीरा कुमार जो
रामनाथ कोविन्द के विपक्ष में खड़ी थी अपनी हार के बाद नए राष्ट्रपति को बधाई देते
हुए कहा, "हमारे देश के नए
राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द जी पर संविधान की रक्षा का दायित्व आ गया है। मैं
धन्यवाद देती हूं सोनिया गांधी जी का और विपक्षी दलों का जिन्होंने मुझे उम्मीदवार
बनाया और उन सब का भी आभार प्रकट करती हूँ जिन्होंने मुझे मत दिया। लेकिन मेरी
विचारधारा की लड़ाई अभी जारी रहेगी जो की 20 जुलाई 2017 को समाप्त नहीं होगी, आगे भी जारी रहेगी
क्योंकि सबको इस पर विश्वास नहीं होता है।
सभी को साथ लेकर चलना मेरी इच्छा है, प्रेस की आजादी, जात-पात का नाश हो मैं यही चाहती हूँ। इसके लिए हमे इतनी ही शक्ति के साथ
लड़ना होगा।"
Comments
Post a Comment