फ़र्जी फ़ोटो कितना तहलका मचा रहा है।
( मुद्दा )
भोजपुरी फ़िल्म के एक सीन की फर्जी फ़ोटो शेयर करके सांप्रदायिक हिंसा फैलाई गई है। खबरों की माने तो कोलकाता पुलिस ने शनिवार को बताया है की भोजपुरी फ़िल्म के एक सीन की फ़र्ज़ी फ़ोटो के कारण सांप्रदायिक हिंसा फैलाई गई। हालांकि इस आरोप में एक शख्स को गिरफ्तारी भी की गई है। बता दें इस तस्वीर के चलते पश्चिम बंगाल के उत्तरी हिस्से में स्थित 24 परगना में फैली हिंसा में एक शख्स की मौत हो गई है।
बहरहाल पुलिस ने जानकारी देते हुए कहा की जिस तस्वीर को पश्चिम बंगाल का बताया जा रहा है, वह वास्तव में भोजपुरी फ़िल्म ' औरत खिलौना नहीं' जो की 2014 में रिलीज़ हुई थी , उसका एक सीन बताया जा रहा है। बता दें हरियाण कि भाजपा नेता ने अपने फेसबुक वॉल पर भोजपुरी फ़िल्म के एक सीन की तस्वीर को शेयर करते हुए उसे बंगाल में भड़कते सांप्रदायिक दंगे का बताया था।
गौरतलब है की पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बेनर्जी ने शनिवार को केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा कि बीजेपी आरएसएस सहित अन्य हिंसा फैलाने वाले संगठनों की विचारधारा को मानती है।
ममता बनर्जी ने कहा की जिस किसी ने यह फर्जी तस्वीर और वीडियो को शेयर किया है उसके खिलाफ सख्त कारवाई होगी। कानून ऐसे लोगो को जरूर सजा देगी। बंगाल की सीएम ने कहा कि ' मैं बंगाल की जनता की आभारी हूं कि उन्होंने अफवाहो और सांप्रदायिक नफरत फैलाने वालों को पहचानने में मदद की। उन्होंने कहा कि लोगों को भड़काने के लिए भोजपुरी फ़िल्म के साथ बंगलादेश की तस्वीरों का भी सहारा लिया गया।
हम बता दें पिछले सोमवार की रात पश्चिम बंगाल में एक किशोर ने फेसबुक पर आपत्तिजनक पोस्ट की थी। इसके बाद ही उत्तरी 24 परगना के बदरिया और जिले के बशिरहम 34 भाग में दो समुदायों के बीच हिंसा हो गई थी। हालांकि बीजेपी की एक महिला नेता नेत्री मलिक ने इसी हिंसा के बाद अपना फेसबुक पोस्ट लिखा था। उन्होंने बताया की शेयर की गई वह तस्वीर एक भोजपुरी फ़िल्म का सीन है।
गौरतलब है कि इस खबर पर पश्चिम बंगाल पुलिस के आधिकारिक ट्विटर पेज से ट्वीट भी किया गया है। उसमे लिखा है.. कुछ लोग पश्चिम बंगाल में अन्य देशों और क्षेत्रों के पुराने वीडियो पोस्ट कर रहे है। यह अत्यधिक निन्दाजनक है।
उन्होंने अगले ट्वीट करते हुए लिखा है की.. 'कृपया हमेशा तथ्यों की जांच करे। सभी से अपील की जाती है की दुर्भावपूर्ण वीडियो को ध्यान न दें। जिससे की पूरी समुदायों में अन्धविश्वास पैदा हो।
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