मेट्रो का सफर बना गया सफ़र

                     (विदेशी बक बक )




कल ही का बात है जब मोदी के साथ मेट्रो मेट्रो खेलकर लौटे  ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री
मैलकॉम टर्नबुल मंगलवार को वीजा 457 पर रोलर या कैंची कह लीजिये चलाई हो।
इस वीजा के अंर्तगत कंपनियों को उन क्षेत्रों में चार साल तक विदेशी कर्मचारियों को नियुक्त करने की अनुमति थी जहां कुशल ऑस्ट्रेलियाई कामगारो की कमी है।
वैसे तो कुल  95,000  से अधिक अस्थायी विदेशी कर्मचारियों द्वारा उपयोग किये जा रहे वीजा
को समाप्त किया गया है और ऐसा बढ़ती बेरोजगारी से निपटने के लिये किया गया है।  इन कर्मचारियों में ज्यादातर भारतीय हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा है कि अब इस कार्यक्रम की जगह दूसरा वीजा कार्यक्रम लाया जाएगा। नया कार्यक्रम यह सुनिश्चित करेगा कि विदेशी कर्मचारी उन क्षेत्रों में काम करने के लिये ऑस्ट्रेलिया आयें जहां कुशल लोगों की काफी कमी है न कि केवल इसीलिए आयें कि नियोक्ता को ऑस्ट्रेलियाई कामगारों के बजाए विदेशी कर्मचारियों को नियुक्त करना आसान है। प्रधानमंत्री ने यह घोषणा हाल ही में भारत यात्रा से लौटने के बाद की है। वहां उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा, आतंकवाद निरोधक उपायों, शिक्षा तथा उर्जा पर चर्चा की और छह समझौतों पर हस्ताक्षर किये गए।
आपको बताते चले की ट्रंप चच्चा भी वीजा एच 1 देने की प्रकिया को कड़ा करने हेतु एक मंत्री स्तरीय समिति बना दिये है। वैसे अमेरीका से 7900 होशियार लौट के घर आये हैं। वो भी केवल दिसबर से अब तक।
वैसेे वित्त मत्री कहते हैं डरने की कोई बात नही वो अमेरीका से कहेगें कि अपने नौजवान को बेरोजगार करते हुए  हमारे नौजबानो को नौकरी दे।

-दिवाकर

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