ओ! नग्न महिला सुनों

                     (विचार अड्डा)


भारत में तुम कोई महिला नहीं हो। तुम तो पाप हो। तुमने पैदा होने के बाद से में समाज लिए पाप फ़ैल जाता हैं। तभी तो तुम्हें सबरीमाला से लेकर हाज़ी अली तक जाने का इज्जात नहीं है।
अरे ! मैं तो भूल गया था कि तुमको मासिक धर्म भी आता हैं। अब आये तो घर मैं घुस जाना। स्कूल तो बिलकुल नहीं जाना।पता नहीं कब तुम्हें तुम्हारे ही लोग नंगा कर दें।
    यह कोई अनुमान नहीं है मेरा। ये सच्ची बातें हैं। मुजफ्फरनगर के खतौली गांव तिगाई के कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में ही तो अभी तो नंगी की गई हो। सुना कि बस 70 की संख्या थी। वैसे गलती तुम्हरी माँ का है , कभी तुम्हें बताया नहीं की पीरियड के समय कपड़ो का इस्तेमाल करते हैं। बीबीसी की संवादाता रूपा झा की माँ ने उन्हें और उनकी बहनों को सिखया था कि कैसे ऋतू स्राव के समय चादर के टुकड़े तकिये के नीचे रखें जाते है। यह भी बताया था कि कैसे कपड़ो के बीच उसे सुखाया जाता है ।बदबूदार हुआ तो क्या हुआ इस्तेमाल करने आना तो चाहिए था। जाना घर तो पूछ लेना माँ से एक बार क्यों किया ऐसा? क्यों नहीं बताया मुझे?
वार्डन के ऊपर गुस्सा भी आये तो मत चिल्लाना ।कोई बगल हो ठीक वैसा।

मेरे दो सलाह रख लो -
1.पीरियड में स्कूल मत जाना।
2.स्वच्छ भारत अभियान के बाद भी खेत में ही जाना



मेरे बातों में ज़्यादा नकरात्मकता नज़र आती हैं तो अपने सकारत्मक विचार मन में रखें। उसकी मुझे ज़रूरत नहीं।

                      -रजत अभिनय

    

      

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