ये बाबा हमको भी फ़िल्म पुरस्कार चाहिए , देश भक्ति कूट कर भरा है।

                         (फ़िल्मची)


भोजपुरी फ़िल्मो के एक समीक्षक ने हमें अपने विचार अक्षय कुमार को राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार के लिए दिए। उनको लगता है कि वे देश भक्त हैं इसलिए यह जायज़ है
      पढ़िए धीरज दुबे के देश भक्ति की चासनी में डूबे विचार -
        बॉलीबुड में अभिनय की लंबी पारी खेल चुके अक्षय कुमार मिस्टर खिलाड़ी को 64 वें फ़िल्म पुरस्कार रुस्तम में बेहतरीन अदाकारी व उत्कृष्ट अभिनय के लिए दिया गया। बॉलीवुड में अक्षय कुमार ने कई प्रकार के अंदाज़ में हास्य , एक्शन और संजीदा फ़िल्मो में अभिनय का लोहा मनवा चुके , कई बेहतर और सफ़ल फ़िल्मो के अभिनेता हैं । साथ ही साथ ऐसे बहुत ही कम अभिनेता हैं जो देश की तरक्की और देश भक्ति में अच्छे कदम उठाते हो।जिनके अंदाज़ से ही भारतीयता झलकता है। अभी हाल में ही में देश के सैनिकों के पक्ष में बहुत अहम योगदान है।अगर अक्षय कुमार को भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार से नवाजा गया है तो इसे सभी भारतीयों को गर्व महसूस करना चाहिए। कि सही मायने में एक अच्छे कलाकार को चुना गया। जो हर तबके के दिलों पर राज करता है। अपने अभिनय के आंदोलन और अपने विरले अंदाज़ के बदौलत सच माने तो अक्षय कुमार ही इस पुरस्कार के हक़दार हैं।

         धीरज दुबे जी समीक्षा कहाँ छपती है हम नहीं जानते।




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