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रजा गेलन तेल बेचे
(हस्तिनापुर के बोल)
गाँव में इ कहते सुना होगा कि रजा गइलन तेल बेचे। इ लोकतंत्र है आज चरितार्थ होती दिख रही है। रजा वीरभद्र सिंह पे एक बार पर गाज गिरने वाली हैं। प्रवर्तक निदेशालय ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे और बेटी के कम्पनी के नाम पे खरीदी गई फ़ार्म हाऊस को ज़ब्त कर लिया है।६.६१ करोड़ में खरीदे गये फ़ार्म हाऊस में ५.५०करोड़ नगद लिए गये थे। अभी इसकी किम्मत २७ करोड़ आंकी जा रही है इन सब के बाद अब उन पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही हैै।पर यह पहली बार नहीं इससे पहले इन पर 1989 में जब सिंह हिमाचल विशेष अदालत ने लघु, अतिलघु और मध्यम उद्योगों के लिए केंद्रीय मंत्री और 78 साल सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 120 बी और प्रीवेंशन ऑफ करप्शन ऐक्ट की धारा 7, 11 और 13 के तहत आरोप तय किए गए थे उस समय प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। ये आरोप उस सीडी के आधार पर तय किए गए हैं, जिसमें वह आईएएस अधिकारी मोहिंदर लाल और कुछ उद्योगपतियों से राज्य में निवेश के बारे में पैसों के लेन-देन के मामले में बात कर रहे थे। अदालत में केस की सुनवाई के दौरान यह सीडी चलवाई गई थी, जिसमें वीरभद्र सिंह पैसों की मांग कर रहे थे। मई 2007 में जारी हई सीडी के बाद वीरभद्र सिंह और उनकी पत्नी के खिलाफ 3 अगस्त 2009 को मामला दर्ज किया गया वीरभद्र सिंह पर आरोप तय होने में 23 वर्ष लग गए केंद्रीय मंत्री वीरभद्र सिंह ने हिमाचल प्रदेश की अदालत द्वारा उनके खिलाफ भ्रष्टाचार का आरोप तय किए जाने के बाद मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। यूपीए-2 सरकार में भ्रष्टाचार के आरोप में इस्तीफा देने वाले वह तीसरे मंत्री थे उनसे पहले ए. राजा और दयानिधि मारन करप्शन के आरोपों के चलते इस्तीफा दे चुके थे वीरभद्र लघु, सूक्ष्म एवं मझोले उद्योग मामलों के केंद्रीय मंत्री थे।
-दिवाकर
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