एक कविता उनके नाम


तीन युवा परिंदे उड़े तो आसमान रो पड़ा .!
वो हंस रहे थे मगर, हिन्दुस्तान रो पड़ा .!!
जिए तो खूब जिए और मरे तो खूब मरे .!
महाविदाई पर सतलुज का श्मशान रो पड़ा .!!
गर्दनों के गुलाबों ने किया माँ का अभिषेक .!
ओजभरे बलिदान पर सारा जहान रो पड़ा .!!
इंसानों को तो रोना ही था बहुत . मगर .!
बड़े भाइयों के थमने पर तूफ़ान रो पड़ा .!!
भगत, सुखदेव, राजगुरु दिलों में हैं ‘यारो' .!
२३ मार्च को अखिल भारत महान रो पड़ा .!!

            - लक्ष्मी शर्मा

Comments