अपनों ने हरा दिया

                 (हस्तिनापुर के बोल )



जिसके दम पर कांग्रेस ने उत्तराखंड में चुनाव लड़ रही थी। वही नेता खुद चुनाव हार गया । हरीश रावत जो की अपनी पार्टी से लड़ कर उत्तराखंड के 8 वें मुख्यमंत्री बने । अपनी सरकार को बगावत से बचा ले गए लेकिन खुद की सीट नहीं बचा पाए । हरिद्वार ग्रामीण से  बीजेपी नेता  यतीशवार नंदन से 12,278 से वोटों से हार गए। 
अल्मोड़ा में राजपूत घर में पैदा हुए हरीश रावत पहली बार 1980 में चमके थे जब उन्होंने बीजेपी के कद्दावर नेता मुरली मनोहर जोशी को हराया था ।   
     लेकिन मोदी की इस लहार में खुद को बचा नहीं पाए । हार के पीछे उनकी खुद की पार्टी के लोग है । चुनाव से पहले जिस प्रकार टिकट को लेकर जनता में उनके लिये नाराज़गी थी । वही शराब माफियों से गठबंधन का भी उन पर लगते रहे ।  अब कांग्रेस को उनके लिए शायद राज्यसभा में जगह देनी पड़ी सकती है।

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