मोदी की यह चिट्ठी दिल को छू लिया।

( अपनी  खिचड़ी )



भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने एक चिट्ठी को गुरुवार को सार्वजनिक किया है जो की प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा था। प्रणब मुखर्जी ने इस चिट्ठी को जारी करते हुए लिखा है कि प्रधानमंत्री की तरफ से लिखा गया यह पत्र मेरे दिल को छू गया। आपको बता दे यह पत्र प्रधानमंत्री मोदी ने 24 जुलाई को पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के लिए लिखी थी। आपको याद हो तो प्रणब मुखर्जी का राष्ट्रपति का कार्यकाल का आखिरी दिन था 24 जुलाई। हालांकि प्रणब मुखर्जी ने इस चिट्ठी को अपने ट्विटर के जरिये सार्वजनिक किया है।

प्रणब मुखर्जी के ट्वीट पर प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा है -' आपके साथ काम करना अच्छा लगता था। प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्व राष्ट्रपति को अपनी चिट्ठी में 'डियर प्रणब दा' लिखकर संबोधित किया है। पीएम ने चिट्ठी मर लिखा कि समय -समय पर मिलने वाले आपके मार्गदर्शक से मेरा आत्मविश्वास बढ़ा है। इस तरह से पहले भी पीएम मोदी ने पूर्व राष्ट्रपति को 'अभिभावक और मार्गदर्शक' कहकर संबोधित किया है। उन्होंने साथ ही यह कहा कि प्रधानमंत्री पद संभालने के बाद मुखर्जी ने अंगुली पकड़ कर विभिन्न विषयों पर मुझे रास्ता  दिखाया था।
दरअसल प्रणब मुखर्जी का राष्ट्रपति के तौर पर कार्यकाल समाप्त होने के कुछ दिन पहले आयोजित हुए कार्यक्रम में भी प्रधानमंत्री मोदी ने निवर्तमान राष्ट्रपति के साथ अपने भावनात्मक जुड़ाव का जिक्र करते हुए कहा की मुखर्जी ने उनका ऐसे ख्याल रखा जैसे कोई  पिता अपने बेटे का रखता है। एक पुस्तक जारी करते हुए "प्रेजिडेंट प्रणब मुखर्जी: ए स्टेट्समैन" मोदी ने कहा की वह सौभाग्यशाली हैं कि उन्हें दिल्ली में उनके शुरूआती समय में ही मुखर्जी का साथ मिला और पिछले तीन वर्षो में ऐसी कोई मुलाकात नही रही जब राष्ट्रपति ने उनके साथ बेटे जैसा बर्ताव नही किया।

मोदी जी ने बड़े भावुक तरीके से कहा था ' मैं ऐसा तहेदिल से कह रहा हूं। जैसे एक पिता अपने बेटे का ख्याल रखता है'। पीएम ने कहा, 'प्रणव दा कहते, मोदी जी आपको आधे दिन आराम करना होगा। उन्होंने कहा आप इतना भाग दौड़ ना करें, आपको अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखना चाहिए। मोदी ने कहा,' उत्तर प्रदेश चुनावों के दौरान उन्होंने मुझसे कहा की जीत और हार हमेशा होती रहती है, लेकिन आप अपने शरीर का ख्याल रखें।
पूर्व राष्ट्रपति मुखर्जी ने भी मोदी के प्रति गहरी कृतज्ञता प्रकट करते हुए उनकी सराहना की थी। मुखर्जी ने कहा कि इन्होंने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के बीच संबंध को प्रभावित नही किया।

कुमारी अलका

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