'कार्बन' को एक बार ज़रूर देखना चाहिए -

( फ़िल्मची )

 


शॉर्ट फ़िल्मों ने जिस तरीक़े से भारतीय सिनेमा पर प्रभाव डाला उसका नया नमूना है   'कॉर्बन'। वैसे इन मुद्दों पर लगातार विदेशी फिल्मकारों ने फ़िल्में बनाई है। आपको 'जज'  जैसे  विदेशी फिल्में देखने को मिल जाएगी। लेकिन भारतीय फ़िल्म अपनी तड़के के साथ बहुत शानदार लगती है। जब से ट्रेलर आया तभी से इसको लेकर उत्सुकता बराकर थी। आख़िरकार लार्ज शॉर्ट फिल्म के यू -ट्यूब चैनल के छत्रछाया में रिलीज़ कर दिया गया।
इस हिंदी वैज्ञानिक कल्पित फ़िल्म को निर्देशित किया है मैत्रेयी बाजपाई और रमीज़ खान। इस फ़िल्म की ख़ास बात यह कि इसका निर्माण जैकी भगनानी ने किया है और इसके लिए उनके पिता जी ने पैसा देने से मना कर दिया था।  वैसे आप इस फ़िल्म में जैकी भगनानी को बतौर अभिनेता भी देखेंगे। फ़िल्म में 2067 की कल्पना की गई हैं। जिस वक्त पूरी पृथ्वी कार्बन उत्सर्जन से भर चुकी होती है। उस समय वहाँ ऑक्सीजन की तस्करी हो रही है। फ़िल्म में आपको नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी  की अदाकरी भी दिखेगी ।



    फ़िल्म देखने से पहले आपको अनिल प्रकाश जोशी के कुछ शब्दों के साथ छोड़े जा रहें हैं -
   "अगर विकास का यही पैमाना जारी रहा तो शहर एक दिन श्मशान बनेंगे"।



रजत अभिनय

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