कहीं पानी की बाढ़ तो कहीं सिक्कों की !!!
करतूत
सरकार ने नोट बंदी के बाद 10 के सिक्कों का प्रचलन शुरू किया । नए एक व दो के सिक्के भी प्रचलन में आएं। पर वक़्त बीतने के साथ कुछ जगहों पर सिक्कों की बाढ़ आ चुकी है। और ये सिक्के लोगों का जीना हराम कर चुके हैं।
बिहार के सीतामढ़ी जिले के रुन्नीसैदपुर गांव की यह कहानी है कि यह इतने सिक्कों की बाढ़ आ चुकी है कि बोरों में सिक्कों का आदान प्रदान हो रहा है।
समस्त बैंक सिक्के लेने से मना कर रहें है क्यूंकि बैंकों में भी सिक्कों की बाढ़ है। यहां तक की भिखारी भी नोट की गुहार लगाते हैं। यह बात सुनने में बहुत छोटी लगती पर यह समस्या काफी बड़ी हो चुकी है।
भिखारियों के खाने के लाले पड़ गए हैं। कोई उन्हें सिक्कों के बदले खाना देने को भी तैयार नहीं है। मिडिल क्लास के लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बच्चों की फीस से लेकर हर काम में कोई भी सिक्के लेने से मना कर रहा।
लोगों की ऐसी हालात है कि इन्हीं सिक्कों की बोझ तले वो अपनी जान दे दे।
आप सभी से गुजारिश है कृपया इस संदेश को आगे पहुंचाए ताकि यह किसी तरह के बदलाव या मदद को लाने में कारगार साबित हो।
आपका एक शेयर एक बहुत बड़ी मदद में बदल सकता है।
अंशु प्रिया
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